
चित्तौड़गढ़। शहर के कोतवाली थाना इलाके में रविवार देर रात गोलियां मार कर एक युवक की हत्या कर दी गई। हमलावरों ने काम की रंजिश संभवतया बजरी विवाद के चलते युवक को गोलियों से छलनी कर दिया। इस संबंध में कुछ लोगों के नाम सामने आए है। मृतक के साथी एवं प्रत्यक्षदर्शी का बयान भी सामने आया है। इसके आधार पर पुलिस जांच में जुटी हुई है। शव को जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया गया है। जानकारी में सामने आया कि सेमलपुरा स्थित होटल विकास पर यह घटना हुई। इसमें मृतक व इसके साथी खाना खा रहे थे। तभी ईश्वरसिंह डेट एवं उसके साथियों ने हमला कर फायर कर दिए। मृतक का नाम अजयराजसिंह पुत्र शिवसिंह झाला निवासी निंबाहेड़ा बताया जा रहा है। मृतक के पिता चित्तौड़गढ़ पुलिस में एएसआई के पद से रिटायर्ड हुए हैं। देर रात घटना के बाद लोगों ने युवक को पहले बिड़ला चिकित्सालय और बाद में जिला चिकित्सालय पहुंचाया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया है। मामले को लेकर कोतवाली थानाधिकारी भावनीसिंह ने बताया कि आठ से दस लोगों ने विवाद को लेकर मारपीट कर फायरिंग कर दी। इसमें अजयसिंह की मौत हो गई। पुलिस आरोपितों को नामजद कर तलाश में जुटी हुई है। जगह-जगह दबिश दी जा रही है।
इधर इस मामले को लेकर मृतक अजय राज सिंह के साथी एवं ओंकार शर्मा का बयान सामने आया है। चिकित्सालय में मीडिया के सामने उसने बताया कि अजयराज सिंह झाला, शैलेंद्र सिंह शेखावत डेट, राजेंद्र सिंह डेट सहित चार जने विकास होटल पर खाना खाने गए थे। होटल के ऊपर खाना खा रहे थे। तभी ईश्वर सिंह डेट व उसकी टीम में शामिल 30-35 जने पांच से छह गाड़ियों में आए। इसमें ईश्वर सिंह, कुलदीपसिंह, मोटीसिंह डगला का खेड़ा, राजपालसिंह, राहुल, विक्रमसिंह, कमल सिंह, भैरूं झूंपड़ा सहित कई लोग थे। ईश्वर सिंह की दो स्कॉर्पियो, कुलदीप सिंह की एक्सयूवी, हर्षवर्धन सिंह सिन्हाना की स्कॉर्पियो, एक अल्टो, एक सिलेरियो गाड़ी थी। यह रेकी मनोज चौधरी ने बिठाई थी। ओंकार का आरोप है कि मौके पर 20 मिनिट तक 4 पिस्तौल चली और करीब 60 फायर हुए। हमने 100 व 112 नंबर पर कॉल किया लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। बाद में हम घायलों को बिड़ला हॉस्पिटल ले गए। ओंकार शर्मा ने बताया कि काम को लेकर पुरानी रंजिश में यह घटना ही है।
डॉक्टर शव देख कर भाग गया
प्रत्यदर्शी ओंकार शर्मा ने आरोप लगाया कि वे अजयसिंह को बिड़ला हॉस्पिटल ले गए। यहां चिकित्सक को बुलाया। इस दौरान अजय सिंह जिंदा था। लेकिन चिकित्सक इसे देख कर वहां से भाग गया। बाद में कोतवाली थाने से दो आदमी आए, जिन्होंने कहा कि डॉक्टर नहीं आयेगा और यह मर चुका है। इसके बाद उसे जिला चिकित्सक लेकर आए।
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