
पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत राज्य की प्रत्येक महिला को रोजगार शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, जिससे समाज में समग्र प्रगति हो सके।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 7 सितंबर को इस योजना का औपचारिक शुभारंभ करेंगे और निर्देशिका जारी करेंगे। इसके साथ ही आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत हो जाएगी। शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ऑफलाइन आवेदन का विकल्प रखा गया है। बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इस योजना के सभी पहलुओं की जानकारी दी है और बताया कि इसका उद्देश्य प्रत्येक परिवार की एक महिला को रोजगार से जोड़ना है।
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत हर महिला को पहले चरण में 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह राशि उनके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी। इसके बाद, जो महिलाएं इस योजना के अंतर्गत रोजगार में सक्रिय होंगी, उन्हें भविष्य में 2 लाख रुपये तक का अतिरिक्त वित्तीय समर्थन भी दिया जाएगा। इस योजना की समीक्षा 6 महीने बाद की जाएगी, ताकि उसके असर को मापा जा सके और जरूरी सुधार किए जा सकें।
बिहार की राजनीति में महिलाओं की ताकत को साधने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा दांव खेला है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का लाभ सीधे तौर पर जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाओं को मिलने वाला है। सरकार का मकसद सिर्फ आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं, बल्कि उद्यमिता और तकनीकी प्रशिक्षण के जरिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।
गांवों में जीविका संपोषित ग्राम संगठन आवेदन जुटाने की जिम्मेदारी निभाएंगे। ग्राम संगठन की बैठक में आवेदनों की स्वीकृति होगी और आगे यह डेटा प्रखंड इकाई के माध्यम से ऑनलाइन एमआईएस पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। अंतिम मंजूरी के बाद राशि डीबीटी के जरिए महिलाओं के बैंक खाते में सीधे पहुंचेगी।
शहरी महिलाओं के लिए सरकार विशेष ऑनलाइन पोर्टल लेकर आ रही है। यहां से महिलाएं सीधे आवेदन कर पाएंगी।
जो महिलाएं पहले से जीविका समूह का हिस्सा हैं, उन्हें सीधे आवेदन की छूट मिलेगी। लेकिन जो महिलाएं अभी तक इससे नहीं जुड़ी हैं, उन्हें पहले ग्राम संगठन में आवेदन और स्व-घोषणा पत्र देकर सदस्यता लेनी होगी। यानी इस योजना ने जीविका संगठन को और मजबूती देने का काम भी शुरू कर दिया है।
सरकार ने साफ कर दिया है कि यह योजना केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं रहेगी। महिलाओं को उद्यमिता, प्रबंधन, तकनीकी कौशल और वित्तीय योजना बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जीविका इस काम में विभिन्न विभागों और संस्थाओं से साझेदारी करेगी। इसका सीधा राजनीतिक संदेश है कि सरकार केवल “सहायता देने वाली” भूमिका में नहीं, बल्कि “सक्षम बनाने वाली” भूमिका में भी है।
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका योजना की निरंतर निगरानी करेंगे। छह महीने बाद प्रगति का आकलन होगा और जरूरत पड़ने पर महिलाओं को 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। ग्रामीण विकास विभाग इसके लिए अलग दिशा-निर्देश जारी करेगा।
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