ट्रंप टैरिफ के बावजूद भारत के इंजीनियरिंग गुड्स का एक्सपोर्ट में भी सितंबर 2025 में भी बढ़त देखने को मिली। अमेरिकी टैरिफ की वजह से मुनाफे और मुकाबले की स्थिति पर असर पड़ने के बावजूद, इस सेक्टर ने अच्छा प्रदर्शन किया है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्मस एंड इंडस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2025 में इंजीनियरिंग गुड्स का एक्सपोर्ट 10.11 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। पिछले साल सितंबर में यह आंकड़ा 9.82 अरब डॉलर था। यानी इस एक्सपोर्ट में करीब 3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
छह महीने में 5.35% की बढ़तफाइनेंशियल ईयर 2025-26 में अप्रैल से सितंबर की अवधि में इंजीनियरिंग गुड्स का कुल निर्यात 5.35% बढ़ा। इस दौरान निर्यात का कुल मूल्य 59.36 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि में 56.34 अरब डॉलर था। मई 2025 को छोड़कर, करेंट फाइनेंशिल ईयर में हर महीने निर्यात के आंकड़े पॉजिटिव रहे हैं। यह प्रदर्शन तब आया है जब दुनिया भर में व्यापार को कई तरह की अनिश्चितताओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर उम्मीदेंEEPC इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते (BTA) का पहला चरण जल्द पूरा होगा। हालांकि उन्होंने साथ ही कहा कि इस मामले में समय और समझौते के दायरे को लेकर अभी भी साफ तस्वीर नहीं है।
टैक्स के असर को कम करने के उपायचड्ढा ने बताया कि अमेरिकी टैक्स के असर को कम करने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं। इनमें सस्ती दरों पर एक्सपोर्ट फाइनेंस उपलब्ध कराना और विदेशों में भारतीय प्रोडक्ट की बेहतर मार्केटिंग के लिए सरकारी मदद देने का सुझाव शामिल है।
लैटिन अमेरिका पर नजरउन्होंने बताया कि अमेरिका पर निर्भरता घटाने के लिए भारत ने चिली, पेरू और मैक्सिको जैसे लैटिन अमेरिकी देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की तैयारी की है। इससे भारतीय सामान को बिना टैक्स के उन देशों के बाजारों में एंट्री मिलेगी और निर्यात को नई दिशा मिल सकती है।
छह महीने में 5.35% की बढ़तफाइनेंशियल ईयर 2025-26 में अप्रैल से सितंबर की अवधि में इंजीनियरिंग गुड्स का कुल निर्यात 5.35% बढ़ा। इस दौरान निर्यात का कुल मूल्य 59.36 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि में 56.34 अरब डॉलर था। मई 2025 को छोड़कर, करेंट फाइनेंशिल ईयर में हर महीने निर्यात के आंकड़े पॉजिटिव रहे हैं। यह प्रदर्शन तब आया है जब दुनिया भर में व्यापार को कई तरह की अनिश्चितताओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर उम्मीदेंEEPC इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते (BTA) का पहला चरण जल्द पूरा होगा। हालांकि उन्होंने साथ ही कहा कि इस मामले में समय और समझौते के दायरे को लेकर अभी भी साफ तस्वीर नहीं है।
टैक्स के असर को कम करने के उपायचड्ढा ने बताया कि अमेरिकी टैक्स के असर को कम करने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं। इनमें सस्ती दरों पर एक्सपोर्ट फाइनेंस उपलब्ध कराना और विदेशों में भारतीय प्रोडक्ट की बेहतर मार्केटिंग के लिए सरकारी मदद देने का सुझाव शामिल है।
लैटिन अमेरिका पर नजरउन्होंने बताया कि अमेरिका पर निर्भरता घटाने के लिए भारत ने चिली, पेरू और मैक्सिको जैसे लैटिन अमेरिकी देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की तैयारी की है। इससे भारतीय सामान को बिना टैक्स के उन देशों के बाजारों में एंट्री मिलेगी और निर्यात को नई दिशा मिल सकती है।
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