इस वीडियो को देख क्यों जले पाकिस्तानी Image Credit source: Social Media
जब तालिबान ने 2021 में काबुल पर नियंत्रण किया, तो ऐसा लगा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंधों में एक गहरा खाई आ गई है। भारत को मजबूरन अपने दूतावास और अन्य मिशनों को बंद करना पड़ा। उस समय यह सोच बनी थी कि दोनों देशों के बीच संवाद लगभग असंभव हो जाएगा। लेकिन अब, तीन साल बाद, हालात में बदलाव देखने को मिल रहा है। भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंध फिर से मजबूत होते दिख रहे हैं। इसी संदर्भ में, तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी 9 अक्टूबर को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं।
इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती और भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है। यह वीडियो यह साबित करता है कि भारत और अफगानिस्तान का रिश्ता केवल सरकारी या कूटनीतिक नहीं है, बल्कि यह एक दिल से दिल का संबंध है, जो जनता के बीच प्रेम और सम्मान पर आधारित है।
वीडियो की खासियत क्या है?यह वीडियो तालिबान सरकार से जुड़े अफगान सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर हैदर हाशमी द्वारा साझा किया गया है। इसमें एक भारतीय पर्यटक को दिखाया गया है, जो अफगानिस्तान की यात्रा पर गया था। वीडियो में एक तालिबान अधिकारी चेकपॉइंट पर उस पर्यटक की बाइक रोकता है और सामान्य पूछताछ करता है। जब भारतीय पर्यटक बताता है कि वह इंडिया से आया है, तो अधिकारी का चेहरा खिल उठता है।
वह मुस्कुराते हुए कहता है, "इंडिया? वेलकम टू काबुल, अफगानिस्तान! इंडिया और अफगानिस्तान भाई हैं।" इसके बाद, वह न तो पासपोर्ट मांगता है और न ही कोई अन्य दस्तावेज। बल्कि, वह भारतीय पर्यटक को चाय के लिए भी आमंत्रित करता है। हालांकि, यात्री समय की कमी का हवाला देकर मना कर देता है, लेकिन यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि अफगान लोगों के दिलों में भारत के प्रति कितनी गहरी मोहब्बत है।
वीडियो देखेंAny country that treats Afghanistan with respect will, in return, be respected by every Afghan citizen. 🇮🇳 Afghanistan pic.twitter.com/PbMtlKQNoG
— S.Haidar Hashmi (@HaidarHashmi0) October 8, 2025
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है। इन्फ्लूएंसर हैदर हाशमी ने इसे साझा करते हुए लिखा कि जो भी देश अफगानिस्तान के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करेगा, हर अफगान नागरिक बदले में उसी सम्मान से उसे जवाब देगा। उनके इस संदेश को हजारों लोगों ने सराहा।
यह छोटी सी घटना इस बड़े सच को उजागर करती है कि दो देशों के रिश्तों की असली नींव सरकारी समझौतों से नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में बसे पारस्परिक सम्मान और भरोसे से बनती है। भारत और अफगानिस्तान की दोस्ती का इतिहास भी इसी तरह का है, चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, यह रिश्ता हमेशा उम्मीद और अपनापन लेकर आगे बढ़ता रहा है.
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