भारत में लगभग 30 करोड़ मवेशी हैं, जो प्रतिदिन लगभग 3 करोड़ टन गोबर का उत्पादन करते हैं।
दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा का आयोजन होता है, जिसमें गोबर से गोवर्धन पर्वत का निर्माण किया जाता है। यह पर्वत भगवान श्रीकृष्ण द्वारा इंद्रदेव के अहंकार को तोड़ने के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। भारत में गोबर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, साथ ही यह कृषि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके गुणों के कारण कई देश इसे भारत से खरीदते हैं।
अमेरिका, चीन, मालदीव, सिंगापुर, कुवैत, नेपाल, ब्राजील, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे देश भारत से गोबर का आयात करते हैं। अब यह सवाल उठता है कि ये देश भारत से गोबर क्यों खरीदते हैं?
भारत में गोबर का उत्पादन भारत में हर साल गोबर का कितना उत्पादन?
भारत में लगभग 30 करोड़ मवेशी हैं, जो प्रतिदिन लगभग 3 करोड़ टन गोबर का उत्पादन करते हैं। गोबर का उपयोग मुख्य रूप से उपले बनाने में किया जाता है, जबकि चीन और ब्रिटेन जैसे देशों में इसका उपयोग बिजली और बायोगैस उत्पादन में किया जाता है। कई देशों में गोबर का उपयोग कृषि में उर्वरक के रूप में किया जाता है।
रिपोर्टों के अनुसार, भारत से निर्यात किए जाने वाले गोबर की कीमत 30 से 50 रुपए प्रति किलो तक हो सकती है, जो गोबर के पाउडर, खाद और उपलों के प्रकार पर निर्भर करती है।
भारत से गोबर खरीदने के कारण चीन से कुवैत तक क्यों खरीद रहे हैं भारत से गोबर?
कुवैत ने पिछले वर्ष भारत से 192 मीट्रिक टन गोबर का ऑर्डर दिया था, जिसे भारत ने पूरा किया। अब यह जानना जरूरी है कि इतने देश भारत से गोबर क्यों खरीदते हैं।
- जैविक खेती की बढ़ती मांग: जैविक खेती का चलन बढ़ रहा है, जिसके लिए रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक खाद को प्राथमिकता दी जा रही है। गोबर से बनी खाद को इसके विकल्प के रूप में देखा जा रहा है.
- मिट्टी की उपज बढ़ाने का तरीका: गोबर का उपयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में भी किया जाता है। कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों ने पाया कि भारतीय गोबर पाउडर का उपयोग करने से खजूर की उपज में वृद्धि हुई है.

- ये भी जरूरतें: कई देशों में सीमित जल संसाधन और कम उपजाऊ मिट्टी के कारण जैविक खाद की मांग बढ़ रही है।
- भारत में अधिक उपलब्धता: भारत में मवेशियों की अधिक संख्या और गोबर का उत्पादन कई देशों को आकर्षित करता है।
- नुकसान को रोकने की कोशिश: अमेरिका और यूरोप में रासायनिक उर्वरकों के कारण स्वास्थ्य पर बढ़ते खतरे के कारण गोबर की खाद का उपयोग बढ़ रहा है।
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