कई बार यह सवाल उठता है कि एक हत्यारे के मन में क्या चल रहा होता है, जब वह हत्या करता है। क्या वह किसी प्रकार की भावना महसूस करता है? इस विषय पर कई अध्ययन हुए हैं, और परिणाम चौंकाने वाले हैं। यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसने एक नहीं, बल्कि पांच हत्याएं कीं।
हत्याकांड की रात
5 नवंबर 2024
इस दिन वाराणसी में एक घर से चार शव मिले। मृतकों में एक मां, दो बेटे और एक बेटी शामिल थे। घर के मुखिया राजेंद्र गुप्ता का शव भी पास में मिला। सभी को सिर में गोली मारी गई थी। यह घटना लोगों को चौंका गई, क्योंकि एक खुशहाल परिवार का अचानक अंत हो गया था।
34 साल पुरानी कहानी का खुलासा
पुलिस ने जब इस सामूहिक हत्या की जांच शुरू की, तो एक 34 साल पुरानी कहानी सामने आई। राजेंद्र गुप्ता ने पहले अपने छोटे भाई और उसकी पत्नी की हत्या की थी। इसके बाद उसने अपने पिता को भी मार डाला। राजेंद्र ने अपने छोटे भाई के तीन बच्चों को अपने घर में पाला, लेकिन वह उन पर अत्याचार करता रहा।
बचपन की यादें
इन बच्चों में से एक, विशाल गुप्ता उर्फ विक्की, ने अपने माता-पिता और दादा की हत्या को अपनी आंखों से देखा था। यह दृश्य उसके मन में हमेशा के लिए अंकित हो गया। पिछले साल दिवाली पर, विक्की ने बदला लेने का फैसला किया और राजेंद्र गुप्ता और उसके परिवार के चार सदस्यों को गोली मार दी।
विशाल की गिरफ्तारी
विशाल ने उन सभी को उसी स्थान पर मारा, जहां उसके माता-पिता और दादा की हत्या हुई थी। इसके बाद वह गायब हो गया और तीन महीने तक विभिन्न शहरों में छिपा रहा। अंततः उसे गिरफ्तार कर लिया गया, और उसने अपनी कहानी सुनाई।
विशाल की जिंदगी के तीन हिस्से
सात साल की उम्र में खो दिए थे मां-पिता
विशाल की कहानी तीन हिस्सों में बंटी हुई है। पहला हिस्सा उसके बचपन का है, जब उसने अपने माता-पिता और दादा की हत्या देखी।
ऐसे लिया बदला
दूसरा हिस्सा उस समय का है जब वह अपने माता-पिता के कातिल के घर में बड़ा हुआ। तीसरा हिस्सा तब आया जब उसने खुद पांच हत्याएं कीं।
एक केस स्टडी
विशाल की कहानी एक बेहतरीन केस स्टडी है। वाराणसी पुलिस की कस्टडी में रहते हुए, उसने अपने किए पर कोई पछतावा नहीं दिखाया। उसके चेहरे पर कोई डर या चिंता नहीं थी। यह उसकी पहली अपराध था, और शायद इसलिए वह शांत दिखाई दे रहा था।
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