एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाली महिला को बर्मिंघम में नौकरी से निकाल दिया गया, क्योंकि उसने प्रेग्नेंसी के दौरान घर से काम करने की अनुमति मांगी थी। उसके मैनेजर ने उसे एक टेक्स्ट संदेश भेजा जिसमें उसने 'जैज हैंड' इमोजी का इस्तेमाल किया। इसके परिणामस्वरूप, यूके एंप्लॉयमेंट ट्रिब्यूनिल ने उसे 93,000 यूरो (लगभग एक करोड़ रुपये) का मुआवजा दिया।
मैसेज का संदर्भ
कबीर नामक एक मैनेजर ने मिलुस्का को एक संदेश भेजा था, जिसमें उसने बताया कि कंपनी उसकी अनुपस्थिति के कारण काम में पिछड़ रही है। यह संदेश 1 दिसंबर 2022 को भेजा गया था। कबीर ने लिखा कि वह उम्मीद करता है कि वह जल्द ही उससे मिलेगी।
प्रेग्नेंसी के दौरान समस्याएं
मिलुस्का ने 2022 में रोमन प्रॉपर्टी ग्रुप में निवेश सलाहकार के रूप में काम करना शुरू किया था। उसे अक्टूबर में अपनी प्रेग्नेंसी का पता चला और तब से उसे मॉर्निंग सिकनेस का सामना करना पड़ा। इस कारण उसने अपने मैनेजर से घर से काम करने की अनुमति मांगी।
काम पर लौटने की कोशिश
मिलुस्का ने कबीर को बताया कि उसकी मिडवाइफ चाहती है कि वह अगले दो दिनों तक घर से काम करे। कबीर ने 26 नवंबर को उससे संपर्क किया और उसकी तबीयत के बारे में पूछा। मिलुस्का ने उसे बताया कि वह ठीक महसूस नहीं कर रही है।
निकालने का संदेश
1 दिसंबर को कबीर ने मिलुस्का को एक संदेश भेजा जिसमें उसने कहा कि ऑफिस में किसी और को ढूंढने की आवश्यकता है। उसने यह भी कहा कि वह उम्मीद करता है कि मिलुस्का इसे व्यक्तिगत रूप से नहीं लेगी।
मिलुस्का का जवाब
मिलुस्का ने कबीर के संदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इस स्थिति से बहुत भ्रमित है। उसने स्पष्ट किया कि उसने प्रेग्नेंसी से संबंधित समस्याओं के बावजूद काम करने की पूरी कोशिश की।
जज का निर्णय
जज ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि मिलुस्का को प्रेग्नेंसी के कारण निकाला जाना गलत था। इसके परिणामस्वरूप, उसे £93,616.74 का मुआवजा दिया गया। यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है और लोग मिलुस्का का समर्थन कर रहे हैं।
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