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हाइपोथायराइडिज्म में किन खाद्य पदार्थों से बचें

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थायराइड की समस्या और इसके प्रकार

नई दिल्ली: वर्तमान में, थायराइड से संबंधित समस्याएं कई लोगों को प्रभावित कर रही हैं। वजन में बदलाव के साथ हार्मोनल असंतुलन के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है। अनुसंधान से पता चला है कि महिलाओं में थायराइड की समस्या पुरुषों की तुलना में 10 गुना अधिक होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर के लिए थायराइड हार्मोन का संतुलित रहना अत्यंत आवश्यक है। असंतुलन होने पर थायराइड से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।


हाइपोथायराइडिज्म और इसके लिए हानिकारक खाद्य पदार्थ

थायराइड के दो प्रमुख प्रकार होते हैं: हाइपरथायराइडिज्म, जिसमें थायराइड हार्मोन का अत्यधिक उत्पादन होता है, और हाइपोथायराइडिज्म, जिसमें इसका उत्पादन कम होता है। आज हम जानेंगे कि हाइपोथायराइडिज्म में किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।


ब्रोकली और फूलगोभी जैसी सब्जियां: इन सब्जियों में फाइबर और अन्य पोषक तत्व होते हैं, लेकिन आयोडीन की कमी होने पर ये थायराइड हार्मोन के उत्पादन को कम कर सकती हैं।


ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ: ब्रेड, पास्ता और चावल में पाया जाने वाला ग्लूटेन, जो गेहूं, जौ और राई से बनता है, थायराइड हार्मोन के रिप्लेसमेंट मेडिकेशन के अवशोषण में बाधा डाल सकता है।


तले हुए खाद्य पदार्थ: ये वसा हार्मोन के उत्पादन में हस्तक्षेप कर सकते हैं। इसलिए, तले हुए खाद्य पदार्थों और बटर, मेयोनीज़, और मार्जरीन का सेवन कम करना चाहिए।


चीनी युक्त खाद्य पदार्थ: इनका सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि ये बिना पोषक तत्वों के उच्च कैलोरी प्रदान करते हैं।


अधिक सोडियम: हाइपोथायरायडिज्म वाले व्यक्तियों को सोडियम से बचना चाहिए, क्योंकि यह उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ा सकता है।


अधिक फाइबर: बीन्स, फलियां और सब्जियों से मिलने वाला अतिरिक्त फाइबर हाइपोथायराइडिज्म के उपचार को जटिल बना सकता है।


कैफीन और अल्कोहल: थायराइड के मरीजों को कैफीन और अल्कोहल से बचना चाहिए, क्योंकि ये थायराइड हार्मोन को प्रभावित कर सकते हैं।


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