26/11 मुंबई हमले को 17 साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है लेकिन एक दहशतगर्द अब भी जिंदा है. इसी ने पाकिस्तान से आए कसाब और उसके साथियों को हिंदी और स्थानीय तौर-तरीके सिखाए थे जिससे वे लोगों में घुल-मिल सकें. उन 10 आतंकियों का खेल खत्म हो चुका है लेकिन उन्हें ट्रेनिंग देने वाले इस जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जुंदाल का केस अब भी चल रहा है. कुछ घंटे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को रद्द करने का फैसला दिया जिसमें अधिकारियों से कहा गया था कि वे गोपनीय दस्तावेज जुंदाल को सौंपें.
जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जुंदाल का लंबे समय से रुका मुकदमा अब फिर शुरू होगा. जस्टिस आर एन लड्ढा की पीठ ने दिल्ली पुलिस, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की ओर से दायर याचिका को स्वीकार कर लिया. इसमें निचली अदालत के 2018 के उस निर्देश को चुनौती दी गई थी जिसमें उन्हें अंसारी के मांगे कुछ गोपनीय दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया था.
इसी जुंदाल ने सिखाया था क, ख, ग, घ
अंसारी के खिलाफ मुकदमा 2018 से लंबित है. उस पर न केवल हमलों की साजिश रचने का आरोप है बल्कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हमला करने वाले 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों को व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षित करने का भी आरोप है. इसी ने पाकिस्तानियों को हिंदी सिखाई और मुंबई के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी थी जिससे वे आम लोगों से अलग न दिखें.
सऊदी से पकड़ा गया या दिल्ली से
अंसारी ने मुंबई की एक विशेष अदालत में अर्जी दायर कर अपने इस दावे को पुष्ट करने के लिए कुछ दस्तावेज मांगे थे कि उसे सऊदी अरब में गिरफ्तार किया गया था फिर भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया. निचली अदालत ने 2018 में उसकी याचिका स्वीकार कर ली. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दावा किया था कि लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य अंसारी राष्ट्रीय राजधानी में हवाई अड्डे के बाहर से पकड़ा गया था.
इसके बाद अधिकारियों ने आदेश पर रोक लगाने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया. केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने निचली अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए तर्क दिया कि यह कानूनी रूप से गलत है. हाई कोर्ट ने सोमवार को केंद्र की याचिका को बरकरार रखा, जिससे मुकदमे को फिर से शुरू करने का रास्ता साफ हो गया.
26 नवंबर 2008 की रात अरब सागर के रास्ते मुंबई में घुसे 10 भारी हथियारों से लैस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने कई जगहों पर खूनी खेल खेला था. इसमें विदेशियों सहित 166 लोगों की जान चली गई थी.
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