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माता के मंदिर से 'गहने' चुराकर भाग रहे थे चोर,मंदिर के बाहर निकलते ही पत्थर की मूर्ति बन गए ι

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पूरा देश नवरात्र के पावन दिनों में माता की भक्ति में रमा हुआ है। घरों में कलश स्थापित किए गए हैं, जो नवरात्रों के समापन पर प्रवाह दिए जाएंगे। मां भगवती की पूजा-अर्चना के लिए सबसे शुभ दिनों में आज हम आपके लिए एक ऐसे चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे पढ़ने के बाद भगवान की शक्ति में आपका विश्वास और भी ज़्यादा बढ़ जाएगा।

बिहार के मधेपुरा ज़िले में स्थित मां चंडीस्थान मंदिर.. मां दुर्गा की ऐसी चमत्कारी शक्तियों से भरा हुआ है, जिसके बारे में सुनते ही आपके होश उड़ जाएंगे। कुमारखंड प्रखंड के लक्ष्मीपुर में बने इस चमत्कारी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। खासतौर पर नवरात्रों के दिनों तो यहां भक्तों की भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि काबू करना काफी मुश्किल हो जाता है।

यहां के स्थानीय लोगों ने ही कई साल पहले आपसी सहयोग से इस चमत्कारी मंदिर का निर्माण किया था। मंदिर में मां दुर्गा के अलावा उनके सेवक दो सगे भाई बुधाय और सुधाय के साथ ही आशाराम महाराज की मूर्तियां भी विराजमान हैं।

सच्चे मन से मंदिर में आने वाले किसी भी भक्त को निराशा नहीं मिलती, माता रानी उनकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जो महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं, यहां आकर माता के दर्शन करने के बाद उन्हें संतान प्राप्ति हो जाती है। स्थानीय बुज़ुर्गों की मानें तो करीब 70 साल पहले इस मंदिर में दो चोर घुस आए थे, जो माता के गहने चुराकर भाग रहे थे। लेकिन जैसे ही वे दोनों मंदिर से बाहर की ओर भागे, वे दोनों ही अंधे हो गए। आंखों की रोशनी खोने के बाद वे काफी घबरा गए और चुराए हुए गहने वहीं छोड़कर जैसे-तैसे बाहर निकले। मंदिर के प्रांगण से बाहर निकलते ही वे पत्थर बन गए।

वे दोनों चोर आज भी मंदिर के बाहर पत्थर के रूप में टिके हुए हैं। स्थानीय बड़े-बुज़ुर्गों ने मान्यताओं के आधार पर बताया कि यहां माता सती के विभाजित शरीर का एक अंग गिरा था, लिहाज़ा इस जगह को चंडी स्थान कहा जाता है।

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