New Delhi, 21 सितंबर . नेपाल की ही तरह पेरू का युवा सड़क पर उतर आया है. Government के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहा है. दोनों ही विरोध प्रदर्शनों में कई समानताएं हैं. जेन जी का बैनर, social media पोस्ट्स, मीम्स और एक साथ जुट कर विरोध का तरीका बहुत कुछ एक जैसा! नेपाल में social media पर पाबंदी ने चिंगारी भड़का दी थी, तो पेरू पिछले कुछ दिनों से Governmentी फरमान के कारण भीतर ही भीतर सुलग रहा था. President डिना बोलुआर्टे के खिलाफ माहौल बन गया था, ठीक वैसा ही जैसा नेपाल में Prime Minister केपी शर्मा ओली के खिलाफ था.
पेरू की राजधानी लीमा में सैकड़ों युवा 20 सितंबर 2025 को सड़कों पर उतरे. यह प्रदर्शन मुख्य रूप से जेन जी, यानी नई पीढ़ी के युवाओं ने आयोजित किया. युवाओं का मुख्य उद्देश्य था ‘भ्रष्टाचार, आर्थिक असुरक्षा और पेंशन सुधार कानून’ के खिलाफ अपनी आवाज उठाना.
‘जेनरेशन जी’ नामक एक युवा समूह की ओर से आयोजित यह विरोध-प्रदर्शन, संगठित अपराध, Governmentी पदों पर भ्रष्टाचार और हाल ही में हुए पेंशन सुधार के खिलाफ पेरू में बढ़ते सामाजिक असंतोष का हिस्सा है. भारी Police बल की मौजूदगी में लगभग 500 लोग शहर के सेंटर में एकत्र हुए थे. इस विरोध का कारण आखिर है क्या?
दरअसल, हाल ही में पेरू की कांग्रेस ने निजी पेंशन फंड में बदलाव किया, जिससे युवाओं को डर है कि उनकी भविष्य की बचत असुरक्षित हो जाएगी. साथ ही, बढ़ती अपराध दर और Governmentी भ्रष्टाचार ने युवा वर्ग की बेचैनी बढ़ा दी है.
प्रदर्शनकारियों ने social media प्लेटफॉर्म के सहारे अपना दर्द और गुस्सा जाहिर किया और एक जगह इकट्ठे हो गए. असंतोष बढ़ता देख Police ने मोर्चा संभाला. भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया और इस हिंसक झड़प में करीब तीन Policeकर्मी घायल हुए. रेडियो स्टेशन एक्सिटोसा के अनुसार, उसके रिपोर्टर और एक कैमरामैन कथित तौर पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से दागे गए छर्रों से घायल हो गए.
नेपाल में भी इस महीने जेन जी के युवा कुछ ऐसे ही सक्रिय हुए, Government और संसद के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. नेपाल में युवा नेतृत्व वाले इन प्रदर्शनों ने Prime Minister के इस्तीफे और अंतरिम Prime Minister की नियुक्ति तक को प्रभावित किया.
दोनों देशों में युवा प्रदर्शनकारियों ने social media, मीम्स और पॉप कल्चर प्रतीकों का इस्तेमाल किया. जैसे पेरू में कुछ प्रदर्शनकारी ‘वन पीस’ एनीमे के प्रतीक को झंडे के रूप में ले गए. नेपाल में भी युवा डिजिटल सक्रियता के माध्यम से Government विरोधी नारे फैलाते रहे. जताया कि जेन जी ‘राजनीति में सिर्फ वोटर नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदार’ बनना चाहता है.
वैश्विक स्तर पर भी यह प्रवृत्ति देखी जा रही है. बांग्लादेश में ऐसा ही दिखा, तो इंडोनेशिया और केन्या में युवा इसी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर विरोध कर रहे हैं. पेरू में President डिना बोलुआर्टे की लोकप्रियता पिछले कुछ महीनों में काफी कम हुई है. बोलुआर्टे का कार्यकाल अगले साल समाप्त हो रहा है, लेकिन उनकी लोकप्रियता का ग्राफ काफी गिरा है. इसकी वजह आपराधिक गतिविधियों में बढ़ोतरी और भ्रष्ट्राचारियों पर नकेल कसने में नाकामी बताया जा रहा है. Government ने कई जनमत सर्वे कराए, जिसमें निष्कर्ष निकला कि पेरू की Government और रूढ़िवादी बहुमत वाली कांग्रेस को कई लोग भ्रष्ट मानते हैं. हाल ही में उन्होंने अपना वेतन भी दोगुना करा लिया था और इसकी भी चौतरफा आलोचना हुई थी.
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केआर/
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