New Delhi, 11 नवंबर . ये तो सुना है कि ‘एन एप्पल अ डे कीप्स द डॉक्टर अवे’, जिसका सीधा सा मतलब है एक सेब खाएं और रोग को दूर भगाएं! लेकिन एक रिसर्च कुछ-कुछ ऐसा ही कीवी के लिए कहती है. इसमें क्लीनिकल ट्रायल के आधार पर दावा किया गया है कि कब्जियत दूर करने में कीवी का भी कोई सानी नहीं है!
किंग्स कॉलेज लंदन की नई रिसर्च के अनुसार, रोजाना दो से तीन कीवी खाने से पुरानी कब्ज से राहत दिलाने में काफी असरदार साबित हो सकती है. इन नतीजों से पहली बार एक्सपर्ट्स ने ऐसी खाने की चीजों की एक ऑफिशियल लिस्ट बनाई है जो बॉवेल मूवमेंट को बेहतर बनाने में मददगार साबित हुई हैं.
ब्रिटिश डायटेटिक एसोसिएशन ने इसे मान्यता दी है. ये नई डायटरी गाइडलाइंस (आहार मार्गदर्शिका) वैज्ञानिक सबूतों पर आधारित हैं और इन्हें पुरानी कब्ज से परेशान वयस्कों की मदद के लिए बनाया गया है. दरअसल, कब्जियत एक ऐसी समस्या है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है और जीवन पर नकारात्मक असर डालती है.
अब तक, मेडिकल सलाह ज्यादातर फाइबर का सेवन बढ़ाने और ज्यादा पानी पीने जैसे आम सुझावों पर ही फोकस करती थी.
हालांकि, यह लेटेस्ट रिसर्च इस बारे में स्पष्ट, फैक्ट-आधारित दिशा-निर्देश देती है कि कौन से खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट्स सच में असरदार हैं.
ये गाइडलाइंस 75 क्लिनिकल ट्रायल्स के डेटा पर आधारित हैं, जो इसे अब तक के सबसे बड़े विश्लेषणों में से एक बनाता है. शोधार्थियों ने पाया कि चार हफ्तों तक रोजाना दो से तीन कीवी खाने से मल त्याग में काफी सुधार हुआ.
इसके उलट, कुछ पुराने घरेलू नुस्खे असरदार नहीं पाए गए. स्टडी में इस बात पर जोर दिया गया कि सिर्फ “ज्यादा फाइबर खाना” ही काफी नहीं हो सकता – पाचन स्वास्थ्य के लिए फाइबर का सोर्स और टाइप कहीं ज्यादा मायने रखता है.
किंग्स कॉलेज लंदन में न्यूट्रिशनल साइंसेज की रीडर और लीड ऑथर डॉ. आइरीन डेमिडी ने इन नतीजों को एक आम लेकिन अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली स्वास्थ्य समस्या से निपटने में एक बड़ा कदम बताया.
डॉ. डेमिडी ने कहा, “पुरानी कब्ज किसी व्यक्ति के जीवन पर बहुत असर डाल सकती है. पहली बार, हमने इस बारे में साफ दिशानिर्देश दिया है कि कौन से खाद्य पदार्थ सच में मदद कर सकते हैं और कौन सी सलाह सिर्फ अंदाजा है.”
कब्ज हर छह में से एक वयस्क को प्रभावित करती है, जिससे यह मेडिकल कंसल्टेशन और ओवर-द-काउंटर लैक्सेटिव (कब्ज से राहत के लिए डॉक्टर के पर्चे के बिना खरीदी जा सकने वाली दवाएं) के इस्तेमाल के मुख्य कारणों में से एक है. यह नई रिसर्च इस बात को बदल सकती है कि डॉक्टर और डायटीशियन इस समस्या का इलाज कैसे करते हैं – यह एक जैसे सुझावों के बजाय व्यक्तिगत आहार पर ध्यान देने की बात करती है.
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केआर/
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