चाईबासा, 6 अगस्त . चाईबासा की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने कांग्रेस नेता और Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को Tuesday को भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के मामले में जमानत दे दी.
राहुल गांधी न्यायिक दंडाधिकारी सुप्रिया रानी तिग्गा की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए, जिसके बाद कोर्ट ने ट्रायल में सहयोग करने की शर्त पर उन्हें यह राहत दी. यह मामला वर्ष 2018 में कांग्रेस के अधिवेशन में दिए गए राहुल गांधी के एक भाषण से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को “हत्यारा” कहकर संबोधित किया था.
इस बयान को लेकर चाईबासा निवासी भाजपा नेता प्रताप कटियार ने 9 जुलाई 2018 को राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा था, “कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता. कांग्रेसजन किसी हत्यारे को राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वीकार नहीं कर सकते हैं; यह सिर्फ भाजपा में ही संभव है.”
इस मामले में अप्रैल 2022 में अदालत ने जमानती वारंट, फिर फरवरी 2024 में गैर-जमानती वारंट जारी किया था. राहुल गांधी ने पेशी से छूट के लिए सीआरपीसी की धारा 205 के तहत आवेदन दिया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके खिलाफ उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और कुछ समय तक राहत भी मिली, लेकिन मार्च 2024 में हाईकोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी.
इसके बाद चाईबासा कोर्ट ने 22 मई 2025 को फिर से गैर-जमानती वारंट जारी किया. आखिरकार राहुल गांधी ने 6 अगस्त को कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति दर्ज कराई, जिसके बाद उन्हें सशर्त जमानत दे दी गई. राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा और दीपांकर रॉय ने अदालत में पक्ष रखा. अब यह मामला ट्रायल की प्रक्रिया में आगे बढ़ेगा.
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एसएनसी/एएस
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