अहमदाबाद, 28 मई . बुधवार को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी में एक अनोखा कार्यक्रम आयोजित हुआ. इसमें छात्रों और शिक्षकों ने एक साथ मिलकर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सपने को साकार करने की शपथ ली.
इस मौके पर सभी छात्र और शिक्षक देशभक्ति के रंग में रंगे नजर आए. कार्यक्रम की थीम ‘युवा शक्ति, भारत की शक्ति’ सबके मन में जोश भर गई और यह संदेश दिया कि देश में बड़ा बदलाव लाने की ताकत युवाओं में है.
दिल्ली, श्रीनगर, बेंगलुरु, ईटानगर और अहमदाबाद सहित देश के कई हिस्सों से छात्र इसमें शामिल हुए. सबने मिलकर ‘मेरा भारत, मेरी शपथ’ नाम से एकजुट होकर देशहित में योगदान देने की प्रतिज्ञा ली.
चारों ओर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के बैनर लहराते रहे. छात्रों ने लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने और देश के विकास में भागीदारी निभाने का संकल्प लिया.
इस पूरे आयोजन का नेतृत्व भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) ने किया. यह भारत की विविधता में एकता और युवाओं की देशभक्ति व नागरिक जिम्मेदारी का प्रतीक बना.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित इस कार्यक्रम में लाइव और रिकॉर्ड किए गए संदेश और समन्वित शपथ समारोह शामिल थे. यह पल देशभर के युवाओं की एकजुटता और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को दर्शाने वाला रहा.
विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अमी उपाध्याय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला-केंद्रित योजनाओं और महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने की नीति की सराहना की. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया है. उनका दृष्टिकोण महिलाओं के लिए समान अवसर प्रदान करना और एक प्रतिभा-आधारित वातावरण बनाना है, जहां महिलाओं को उनके लिंग के कारण अनदेखा या अवसरों से वंचित नहीं किया जाता है.”
यह आयोजन इस बात का प्रमाण था कि देशभक्ति किसी सीमा में बंधी नहीं होती. हर छात्र और हर नागरिक ‘विकसित भारत’ के सपने को पूरा करने के लिए एकजुट है.
–
एएस/
The post first appeared on .
You may also like
एक-दूसरे को 'एलिमिनेट' करने उतरेंगे मुंबई और गुजरात (प्रीव्यू)
इटली के बाद डेनमार्क में पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए तैयार भारतीय प्रतिनिधिमंडल
राजस्थान में मौसम का नया कहर! 60 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेगी धूल भरी आंधी, कई जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी
वैष्णो देवी के तीन पिंडियों के पीछे छुपा पौराणिक रहस्य, वीडियो में जानकर आप भी निकल पड़ेंगे दर्शन करने
राहेल गुप्ता का छलका दर्द: क्या उत्पीड़न और मानसिक दबाव ने छीना मिस ग्रैंड इंटरनेशनल का ताज?