New Delhi, 7 नवंबर . उपPresident सीपी राधाकृष्णन ने Friday को Haryana में सोनीपत के एसआरएम विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया.
उपPresident ने संबोधन में स्नातक छात्रों को बधाई दी और कहा कि उनकी डिग्रियां न सिर्फ अकादमिक उपलब्धि को दर्शाती हैं, बल्कि विश्वविद्यालय में अपने कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा विकसित मूल्यों, अनुशासन और लचीलेपन को भी दर्शाती हैं.
इस दौरान उन्होंने छात्रों के गुरुओं और मार्गदर्शकों की सराहना की और कहा कि आज की उपलब्धियां उनके अथक मार्गदर्शन, समर्थन और अटूट प्रयासों का प्रतिबिंब हैं.
उपPresident ने कहा कि तकनीकी विशेषज्ञता और शैक्षणिक उत्कृष्टता तो महत्वपूर्ण हैं ही, छात्रों को अपने साथ मूल्य और चरित्र जैसी जरूरी चीजें भी रखनी चाहिए. उन्होंने चरित्र निर्माण में अच्छी आदतों और अनुशासन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि चरित्र खो जाने पर सब कुछ खो जाता है.
राधाकृष्णन ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया है, जिसमें 54 विश्वविद्यालयों ने सूची में स्थान बनाया है. इससे India इस वैश्विक रैंकिंग में चौथे सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाले देश के रूप में स्थान पर है.
उन्होंने कहा कि Prime Minister Narendra Modi के दूरदर्शी नेतृत्व और दूरदर्शिता के तहत, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 ने एक परिवर्तनकारी रोडमैप तैयार किया है जो बहु-विषयक शिक्षा, लचीलेपन और अनुसंधान-संचालित विकास की परिकल्पना करता है. यह India को वैश्विक ज्ञान केंद्र बनने के मार्ग पर मजबूती से आगे बढ़ाता है.
सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि विकसित India का दृष्टिकोण सभी के लिए समावेशी और समतापूर्ण विकास का लक्ष्य रखता है. लक्षित छात्रवृत्ति, वित्तीय सहायता और आउटरीच पहलों के माध्यम से निरंतर Governmentी प्रयासों से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों सहित हाशिए पर पड़े समुदायों के नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और ग्रामीण क्षेत्रों और महिलाओं की भागीदारी में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है.
उन्होंने कहा कि हमारे युवा सही शिक्षा और कौशल के साथ एक नए India के पीछे प्रेरक शक्ति बन सकते हैं, एक ऐसा India जो नवोन्मेषी, समावेशी और समानता, न्याय और स्थिरता के आदर्शों से प्रेरित हो.
उपPresident ने छात्रों को दूसरों से अपनी तुलना न करने की सलाह देते हुए कहा कि आज की दुनिया में अवसर अपार हैं और हर किसी की अपनी विशिष्ट भूमिका है. उन्होंने कहा कि निरंतर और समर्पित प्रयास परिणाम देते हैं और लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं.
उपPresident ने जोर देकर कहा कि कड़ी मेहनत ही सफलता की कुंजी है और कहा कि खुशी एक मानसिक स्थिति है. उन्होंने अवसरों से भरी इस दुनिया में सही मानसिकता विकसित करने के महत्व पर जोर दिया.
उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने माता-पिता को सदैव याद रखें तथा अपने बच्चों के विकास और सफलता के लिए उनके त्याग और आजीवन समर्पण को स्वीकार करें.
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एएसएच/डीकेपी
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