New Delhi, 1 नवंबर . धनुष-बाण के प्रयोग के बाद शिकार और आत्मरक्षा के लिए बंदूक का इस्तेमाल होने लगा था. 1000 ईस्वी के आसपास चीन में ‘फायर लांस’ जैसे उपकरण सामने आ गए थे. इसके बाद 13वीं शताब्दी तक धातु के बैरल वाली बंदूकों की मदद से लोग अपना निशाना साधने लगे और धीरे-धीरे यही निशानेबाजी शौकिया खेल बनने लगी.
1477 में बवेरिया में पहली बार निशानेबाजी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें ‘मैचलॉक’ हथियारों से निशानेबाजी की गई. 16वीं सदी तक यूरोप में राइफल से निशानेबाजी एक लोकप्रिय शौक बन गई थी.
India में 16वीं शताब्दी के दौरान पानीपत के युद्ध में बाबर की सेना ने बंदूकों का इस्तेमाल किया था. 18वीं सदी में निशानेबाजी को जीवित पशु-पक्षियों के बजाय कृत्रिम लक्ष्यों के लिए शौकिया खेल के रूप में खेला जाने लगा.
1859 में नेशनल राइफल एसोसिएशन के गठन के साथ उन देशों में इस खेल की लोकप्रियता बढ़ने लगी थी, जहां अंग्रेजों का शासन था. इससे शूटिंग में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की नींव पड़ी.
शूटिंग को पहली बार 1896 के एथेंस ओलंपिक में शामिल किया गया था. इसके लिए शूटिंग रेंज बनाया गया. हालांकि, इसे 1904 और 1928 के ओलंपिक खेलों में शामिल नहीं किया गया था. ओलंपिक में इस खेल ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
1896 के ओलंपिक उद्घाटन सत्र में 5 इवेंट से लेकर आज 6 डिसिप्लिन में 15 इवेंट तक, यह खेल फायरआर्म टेक्नोलॉजी में प्रगति के साथ तेजी से विकसित हुआ है.
ओलंपिक प्रतियोगिता में शूटिंग को आमतौर पर राइफल, पिस्टल और शॉटगन में बांटा गया है.
मौजूदा 6 डिसिप्लिन में स्थिर लक्ष्यों के साथ एयर पिस्टल, एयर राइफल, 25 मीटर पिस्टल (पुरुषों के लिए रैपिड फायर) के अलावा, राइफल थ्री पोजीशन (घुटने टेकना, प्रोन, खड़े होना) शामिल है. इनके अलावा, मूविंग क्ले से जुड़े दो अन्य ट्रैप हैं.
India में शूटिंग की लोकप्रियता 1990 के दशक के बाद तेजी से बढ़ी. कर्णी सिंह, अभिनव बिंद्रा, राज्यवर्धन सिंह राठौर, गगन नारंग और मनु भाकर जैसे निशानेबाजों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर India का तिरंगा लहराया है. 2008 बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने India को शूटिंग में पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक दिलाया था, जिसने इस खेल के विकास को नई दिशा दी.
आज शूटिंग India के सबसे सफल ओलंपिक खेलों में गिनी जाती है, जहां नई पीढ़ी लगातार विश्व स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर रही है. उम्मीद है कि भविष्य में India के निशानेबाज ओलंपिक में अपने पदकों की संख्या को बढ़ाएंगे.
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आरएसजी/एबीएम
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