New Delhi, 17 अक्टूबर . शारदा चिटफंड घोटाला मामले में Supreme court ने पश्चिम बंगाल कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और राज्य के डीजीपी राजीव कुमार को मिली अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली केंद्रीय जांच ब्यूरो की याचिका को खारिज कर दिया है. यह याचिका सीबीआई की ओर से 2019 में दायर की गई थी और तब से यह लंबित थी.
हालांकि कोर्ट ने राजीव कुमार के खिलाफ चल रहे अदालत की अवमानना के एक अन्य मामले की सुनवाई आठ सप्ताह बाद करने का फैसला किया है.
सुनवाई के दौरान, पश्चिम बंगाल Government ने सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी ने पांच साल से अधिक समय में राजीव कुमार से कभी पूछताछ नहीं की है और अब अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग कर रही है, जबकि अवमानना का मामला पहले से ही लंबित है.
यह मामला जनवरी 2019 में केंद्र और पश्चिम बंगाल Government के बीच पैदा हुए एक अभूतपूर्व टकराव से जुड़ा है.
उस समय सीबीआई की एक टीम राजीव कुमार से पूछताछ के लिए उनके आधिकारिक आवास पर पहुंची थी, लेकिन स्थानीय Police द्वारा एजेंसी के अधिकारियों को हिरासत में लिए जाने के कारण उन्हें लौटना पड़ा था. इसके बाद Chief Minister ममता बनर्जी ने राजीव कुमार के बचाव में धरना शुरू कर दिया था.
Supreme court ने 29 नवंबर, 2019 को सीबीआई की अपील पर राजीव कुमार से जवाब मांगा था, जिसमें एजेंसी को यह स्पष्ट करने को कहा गया था कि उन्हें हिरासत में लेने की आवश्यकता क्यों है. अब अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका खारिज होने के बाद डीजीपी राजीव कुमार को बड़ी राहत मिली है.
इससे पहले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को 1 अक्टूबर 2019 को अग्रिम जमानत दे दी गई थी, जिसमें उनके वकील ने कहा था कि पिछले छह वर्षों में सीबीआई ने उन्हें एक बार भी जांच के लिए नहीं बुलाया है.
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एसएके/वीसी
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