राजस्थान में सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने एक और बड़ा खुलासा किया है। इस बार गिरफ्तारी के शिकंजे में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) राजकुमार यादव और उनके बेटे भरत यादव फंस गए हैं। आरोप है कि राजकुमार ने अपने बेटे के लिए एसआई भर्ती का प्रश्नपत्र पहले से खरीद लिया था, ताकि उसका चयन सुनिश्चित हो सके।मीडिया के माध्यम से जानकारी में आया है कि मेरी सुरक्षा में तैनात जयपुर पुलिस लाइन के एक हेड कांस्टेबल एवं उनके पुत्र को SOG ने हिरासत में लिया है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 9, 2025
किसी भी व्यक्ति की अपराध में कोई संलिप्तता हो तो कानून अपना काम करे। मुझे आशा है कि SOG बिना किसी दबाव के इस मामले की जांच कर एक…
एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि शुक्रवार देर रात दोनों को गिरफ्तार किया गया और शनिवार को कोर्ट में पेश कर 12 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया। पूछताछ का सिलसिला जारी है और जांच एजेंसी को उम्मीद है कि इस नेटवर्क में जुड़े और कई बड़े नामों का पर्दाफाश होगा।
गहलोत की प्रतिक्रिया
मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा, “किसी भी व्यक्ति की अपराध में कोई संलिप्तता हो तो कानून अपना काम करे। मुझे आशा है कि एसओजी बिना किसी दबाव के जांच कर इस मामले को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाएगी।” गहलोत का यह बयान साफ करता है कि वह मामले की जांच में राजनीतिक हस्तक्षेप से इनकार कर रहे हैं।
कुंदन पंड्या से खरीदा गया पेपर, लिखित परीक्षा पास, फिजिकल में असफल
जांच में खुलासा हुआ है कि राजकुमार यादव ने यह प्रश्नपत्र शिक्षक कुंदन पंड्या से खरीदा था। कुंदन पंड्या, राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा का करीबी माना जाता है। बाबूलाल कटारा से पेपर लेकर पंड्या ने इसे आगे बेचा और अंततः यह राजकुमार के पास पहुंचा।
भरत यादव ने इस पेपर की मदद से लिखित परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन शारीरिक दक्षता परीक्षा (फिजिकल टेस्ट) में असफल हो गया। इस वजह से उसकी नियुक्ति नहीं हो सकी, लेकिन यह तथ्य सामने आते ही पूरा नेटवर्क जांच के घेरे में आ गया।
राजकुमार यादव राजस्थान पुलिस में हेड कांस्टेबल हैं और जयपुर शहर पुलिस लाइन में तैनात रह चुके हैं। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान वह उनकी सुरक्षा टीम का हिस्सा बने और मौजूदा समय में भी पीएसओ के रूप में कार्यरत थे।
अब तक 120 गिरफ्तारियाँ
एसओजी अब तक इस मामले में 120 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें 55 प्रशिक्षु उप निरीक्षक भी शामिल हैं। एजेंसी का कहना है कि पेपर लीक का यह नेटवर्क कई स्तर पर फैला है — इसमें प्रश्नपत्र को स्रोत से निकालने वाले, उसे आगे बेचने वाले, और खरीदने वाले सभी शामिल हैं।
जांच अधिकारियों के मुताबिक, रिमांड पर पूछताछ से यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि पेपर लीक रैकेट में और कौन-कौन से अधिकारी, दलाल या प्रभावशाली लोग शामिल थे। इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि क्या इस नेटवर्क ने अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सेंध लगाई थी।
राजस्थान में पेपर लीक का पुराना पैटर्न
राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में शिक्षक भर्ती, पुलिस भर्ती, और आरएएस जैसी कई परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामले सामने आए हैं। इससे युवाओं के भविष्य पर गंभीर असर पड़ा है और सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं। एसआई भर्ती पेपर लीक भी उसी कड़ी का हिस्सा है, जिसने राज्य में बेरोजगार युवाओं के आक्रोश को और गहरा कर दिया है।
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