राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार सुबह भी शहर के आसमान पर धुंध की मोटी परत छाई रही, जिससे दृश्यता प्रभावित रही और लोगों को आंखों और गले में जलन जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि प्रदूषण स्तर में मामूली गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन हवा की गुणवत्ता अब भी “खराब” श्रेणी में ही बनी हुई है।#WATCH | Delhi: Visuals around ITO as a layer of smog lingers in the air this morning. AQI in the area is in the 'Poor' category at 287, as per the Central Pollution Control Board (CPCB). pic.twitter.com/SU4TYVCEMW
— ANI (@ANI) November 6, 2025
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 264 दर्ज किया गया, जो "खराब" श्रेणी में आता है। हालांकि यह आंकड़ा बुधवार की तुलना में थोड़ा बेहतर है, लेकिन अभी भी सामान्य स्तर से काफी दूर है।
दिल्ली के प्रमुख इलाकों में प्रदूषण का स्तर
राजधानी के कई हिस्सों में प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक है। ITO इलाके में AQI 287 रिकॉर्ड किया गया, जबकि कर्तव्य पथ पर यह 230 रहा। अलीपुर में 275, आनंद विहार में 262, बुराड़ी में 272, चांदनी चौक में 294, द्वारका में 288, दिल्ली एयरपोर्ट क्षेत्र में 240, जहांगीरपुरी में 290 और लोधी रोड पर 149 दर्ज किया गया — जो अपेक्षाकृत बेहतर रहा।
एनसीआर में भी हवा का हाल खराब
दिल्ली से सटे एनसीआर के शहर भी प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। नोएडा सेक्टर-62 में AQI 216, गाजियाबाद के वसुंधरा में 280, इंदिरापुरम में 274 और गुरुग्राम के सेक्टर-51 में 269 रिकॉर्ड किया गया। यानी दिल्ली ही नहीं, बल्कि आसपास के इलाके भी प्रदूषण की गिरफ्त में हैं।
बुधवार को भी दिखा था यही पैटर्न
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को दिन में हवा की गुणवत्ता में कुछ सुधार देखा गया था, लेकिन रात होते-होते प्रदूषण फिर से बढ़ गया। शाम चार बजे दिल्ली का औसत AQI 202 दर्ज किया गया था, जो "खराब" श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गति धीमी होने और ठंड बढ़ने के साथ-साथ प्रदूषकों के फैलाव की क्षमता घट रही है, जिससे प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा हुआ है।
विशेषज्ञों ने चेताया — अभी राहत नहीं
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ दिनों में भी हालात में कोई बड़ी राहत मिलने की संभावना नहीं है। पराली जलाने, वाहन उत्सर्जन, निर्माण गतिविधियों और मौसमीय परिस्थितियों के संयुक्त प्रभाव से प्रदूषण का स्तर ऊंचा बना रहेगा। उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि सुबह और देर शाम के समय बाहर निकलने से बचें और मास्क का प्रयोग करें।
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