राजस्थान कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का शुक्रवार देर रात निधन हो गया। ब्रेन स्ट्रोक के बाद वे करीब दो साल से कोमा की अवस्था में थे। बीकानेर जिले के नोखा क्षेत्र के बिरमसर गांव में जन्मे डूडी का राजनीतिक सफर पंचायत से शुरू होकर विधानसभा और संसद तक पहुंचा। कांग्रेस संगठन में उनका कद हमेशा ऊंचा रहा।पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं बीकानेर से सांसद रहे श्री रामेश्वर डूडी का निधन बेहद दुखद है। करीब 2 साल तक बीमार रहने के बाद इतनी अल्पायु में उनका जाना हमेशा खलता रहेगा। यह मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर एक आघात है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 4, 2025
श्री रामेश्वर डूडी ने अपनी हर भूमिका का निर्वहन अच्छे से किया। वो मेरे… pic.twitter.com/MPbZzMDiiU
परिवार और राजनीतिक विरासत
साल 2023 के विधानसभा चुनाव में जब वे खुद सक्रिय राजनीति से दूर थे, उनकी पत्नी सुशीला डूडी ने चुनावी मैदान संभाला और नोखा सीट से विधायक चुनी गईं। डूडी के निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में गहरा शोक फैल गया है। अंतिम संस्कार आज (4 अक्टूबर) सुबह 11 बजे बीकानेर के पूगल रोड स्थित बगेची में किया जाएगा।
किसानों के नेता के रूप में पहचान
रामेश्वर डूडी को प्रदेश की राजनीति में किसानों की मज़बूत आवाज़ के रूप में जाना जाता था। वे पंचायत समिति प्रधान, जिला प्रमुख, विधायक, सांसद और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जैसे अहम पदों पर रहे। उनकी छवि हमेशा किसान हितैषी नेता की रही, जिन्होंने ग्रामीण और कृषक वर्ग की समस्याओं को हर स्तर पर उठाया।
बीमारी और उपचार का सफर
अगस्त 2023 में उन्हें अचानक ब्रेन हैमरेज हुआ, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे कोमा में चले गए। शुरुआत में जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज चला, बाद में उन्हें दिल्ली के मेदांता अस्पताल शिफ्ट किया गया। लंबे समय तक उपचार के बाद हाल ही में उन्हें बीकानेर लाया गया था। वहीं, परिवार और समर्थकों की मौजूदगी में उन्होंने अंतिम सांस ली।
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