चेन्नई की महिला अदालत ने बुधवार को अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी ज्ञानशेखरन को दोषी करार दे दिया है। अदालत की जज राजलक्ष्मी इस मामले में 2 जून को अंतिम फैसला सुनाएंगी। यह मामला पिछले साल दिसंबर का है, जब यूनिवर्सिटी की एक 19 वर्षीय छात्रा के साथ दुष्कर्म किया गया था। पुलिस ने जांच के दौरान आरोपी ज्ञानशेखरन को गिरफ्तार किया था, जो अब कोर्ट द्वारा दोषी पाया गया है।
घटना की बारीकियां
37 वर्षीय ज्ञानशेखरन अन्ना यूनिवर्सिटी परिसर में बिरयानी बेचने का काम करता था। 23 दिसंबर 2024 को दूसरी वर्ष की छात्रा अपने मित्र से मिलने गई थी, जहां ज्ञानशेखरन भी आ गया और छात्रा के मित्र के साथ मारपीट की। इसके बाद उसने छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद कोट्टूरपुरम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई और दोनों पीड़ितों को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अदालत की सुनवाई और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस गंभीर मामले में पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया। अदालत ने अब तक आरोपी को दोषी करार दिया है और 2 जून को इस पर अंतिम फैसला सुनाने वाली है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर काफी हलचल मचा दी, साथ ही अन्ना यूनिवर्सिटी के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन भी किया।
पुलिस प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना शहर के केंद्र में हुई, जिसने पूरे राज्य में सनसनी मचा दी। विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ द्रमुक के सहयोगी भी इस घटना की कड़ी निंदा कर चुके हैं। इसके बाद ग्रेटर चेन्नई पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। पुलिस ने क्रिसमस समारोह के दौरान सख्त सुरक्षा व्यवस्था का दावा किया था और 8,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था, लेकिन इस बीच हुई यह घटना सुरक्षा में चूक को उजागर करती है।
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