वारिस पठान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “भारत का संविधान हर नागरिक को अपने-अपने त्योहार मनाने की आज़ादी देता है। कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि आप बकरा खरीद या बेच नहीं सकते। लेकिन महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस विषय में कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है।”
बकरीद के अवसर पर पूरी गाइडलाइंस का पालन करते हैं – वारिस पठान
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा, “हर साल हम बकरीद पूरी सरकारी गाइडलाइंस का पालन करते हुए मनाते हैं और इस बार भी हम वैसा ही करेंगे। किसान पूरे साल मेहनत से बकरा पालते हैं ताकि ईद पर उसे बेचकर कुछ कमाई कर सकें। ऐसे में अगर उन पर प्रतिबंध लगाया जाए, तो क्या यह उनकी मेहनत के साथ अन्याय नहीं होगा?”
अगर सरकार कोई आदेश जारी करती है, तब देखेंगे – पठान
वारिस पठान ने आगे स्पष्ट किया, “मेरी जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार की तरफ से अभी तक ऐसा कोई बयान नहीं आया है कि बकरीद के अवसर पर जानवरों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाई गई है। अगर भविष्य में सरकार ऐसा कोई आदेश देती है, तो हम उस पर गौर करेंगे, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक सूचना सामने नहीं आई है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां हर धर्म के लोग अपने-अपने त्योहार शांति और सद्भाव के साथ मनाते हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू होली और दिवाली मनाते हैं, ईसाई अपने पर्व मनाते हैं और मुसलमान बकरीद मनाते हैं – और सब लोग मिल-जुलकर एक-दूसरे की खुशियों में शामिल होते हैं।
महाराष्ट्र सरकार को जल्द से जल्द स्पष्ट आदेश देना चाहिए – पठान
पठान ने यह भी कहा, “हम कई वर्षों से सरकारी दिशा-निर्देशों और कानून का पालन करते हुए बकरीद मनाते आए हैं। यदि कोई कहे कि इस तारीख से उस तारीख तक बाजार में जानवर नहीं बिक सकते, तो यह किसानों के साथ अन्याय होगा। वे पूरे साल जानवर पालते हैं ताकि त्योहार के समय उन्हें बेचकर आमदनी कर सकें।” उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से अपील की कि वह जल्द से जल्द एक स्पष्ट अधिसूचना जारी करे, ताकि लोगों में फैल रही अफवाहें थम सकें और स्थिति स्पष्ट हो सके।
कुछ तत्व देश की एकता को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं – पठान
वारिस पठान ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व देश में सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमें लगातार लोगों के फोन आ रहे हैं, वे डरे और घबराए हुए हैं। हमने उन्हें बताया कि सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक आदेश नहीं आया है। कुछ लोगों को यह शायद रास नहीं आ रहा कि देश के 140 करोड़ लोग एकता और भाईचारे के साथ खड़े हैं, इसलिए वे नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।”
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