लाइव हिंदी खबर :- नेपाल की नई सरकार ने पूर्व की सरकार के पीएम केपी शर्मा ओली सहित पांच अन्य लोगों के काठमांडू छोड़ने पर रोक लगा दी गई है। जिसमें पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक, गृह सचिव गोकर्ण मणि दुवाड़ी, आंतरिक खुफिया विभाग के प्रमुख हुत राज थापा, काठमांडू के तत्कालीन जिलाधिकारी छवि रिजाल भी शामिल हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस गौरी बहादुर कार्की की अध्यक्ष वाले न्यायिक आयोग ने लिया है। इतना ही नहीं यह आयोग Gen-Z आंदोलन के दौरान हुई गोलाबारी की भी जांच कर रहा है। नई सरकार के गठित इस आयोग ने पूर्व की सरकार के नेताओं के पासपोर्ट निलंबित करने, कड़ी निगरानी रखने के आदेश भी दे दिए हैं।
आयोग ने साफ कहा है कि बिना आयोग की अनुमति के कोई भी व्यक्ति काठमांडू से बाहर नहीं जा सकता। इस पर पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने जवाब देते हुए कहा कि देश छोड़कर नहीं भागेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम देश को तमाशे वाली सरकार के हवाले करके विदेश नहीं जा सकते। ओली ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार जनता की इच्छा से नहीं बल्कि हिंसा और तोड़फोड़ के सहारे से बनाई गई है।
उन्होंने दावा किया कि पुलिस को गोली चलाने का आदेश उनकी सरकार ने नहीं दिया था। इसके साथ ही उन्होंने शिकायत की कि जिस घर में फिलहाल हुए रह रहे हैं। उस घर का पता उजागर होने और हमले की धमकी मिलने के बावजूद सरकार ने वहां सुरक्षा नहीं उपलब्ध कराई है। उन्होंने यह भी कहा कि अब सोशल मीडिया पर मेरे नए घर का पता लगाकर हमला करने की योजना बनाई जा रही है। सरकार आखिर किस बात का इंतजार कर रही है?
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