डायबिटीज यानी मधुमेह, आज के समय की सबसे आम लेकिन खतरनाक बीमारियों में शुमार है। लाखों लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं और जीवनभर दवाओं पर निर्भर रहते हैं। लेकिन आयुर्वेद में एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो प्राकृतिक रूप से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में कारगर साबित हो रही है। इस जड़ी-बूटी का नाम है — गुड़मार (Gymnema Sylvestre)।
क्या है गुड़मार?
गुड़मार एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है, जिसका नाम ही इसके काम को दर्शाता है — “गुड़” यानी चीनी और “मार” यानी मारना। यह पौधा शरीर में मौजूद अतिरिक्त ग्लूकोज को नियंत्रित करने की क्षमता रखता है। कई रिसर्च और आयुर्वेदाचार्य भी इसे मधुमेह के लिए अत्यंत प्रभावशाली मानते हैं।
वैज्ञानिक आधार
आयुष मंत्रालय के अंतर्गत हुई विभिन्न स्टडीज़ में यह सामने आया है कि गुड़मार की पत्तियों में मौजूद ‘जिम्नेमिक एसिड’ (Gymnemic Acid) ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करता है। यह इंसुलिन के प्राकृतिक स्राव को बढ़ावा देता है और शरीर में शर्करा के अवशोषण को नियंत्रित करता है।
हेल्थ एक्सपर्ट की राय
प्रसिद्ध आयुर्वेद विशेषज्ञ बताते हैं, “गुड़मार एक अत्यंत शक्तिशाली हर्ब है। यदि इसका नियमित और सही मात्रा में सेवन किया जाए तो यह दवा की आवश्यकता को धीरे-धीरे कम कर सकती है। हालांकि, यह किसी डॉक्टर की देखरेख में ही लेना चाहिए।”
कैसे करें सेवन?
गुड़मार की सूखी पत्तियाँ पीसकर चूर्ण बना लें।
रोज़ाना एक चम्मच चूर्ण, गुनगुने पानी के साथ खाली पेट लें।
बाजार में गुड़मार कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी उपलब्ध है, जिसे डॉक्टर की सलाह अनुसार लिया जा सकता है।
गुड़मार की चाय भी बनाई जा सकती है – आधा चम्मच चूर्ण को एक कप पानी में उबालें और छानकर पिएं।
सावधानियां:
गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली माताएं इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें।
डायबिटीज की दवाएं ले रहे मरीजों को इसे बिना परामर्श के नहीं लेना चाहिए, क्योंकि ब्लड शुगर अधिक गिर सकता है।
अधिक मात्रा में सेवन करने से हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा हो सकता है।
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