भारतीय शेयर बाजार स्वतंत्रता दिवस के बाद एक गतिशील सप्ताह के लिए तैयार है, जिसमें वैश्विक और घरेलू कारक दलाल स्ट्रीट की दिशा तय करेंगे। ज़ी न्यूज़ के अनुसार, पिछले हफ़्ते निफ्टी और सेंसेक्स में 1% की बढ़त के साथ छह हफ़्तों की गिरावट का सिलसिला टूटने के बाद, बाज़ार कई ट्रिगर्स का सामना कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2025 को घोषित जीएसटी 2.0 सुधारों में दिवाली तक दरों में कटौती का वादा किया गया है, जिसका लक्ष्य रोज़मर्रा की वस्तुओं पर उपभोग को बढ़ावा देना है। पीटीआई के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो जीएसटी स्लैब (5% और 18%) में बदलाव का विवरण दिया है, जिसके तहत 99% वस्तुओं पर कर 12% से 5% और 28% से 18% हो जाएगा। इससे एफएमसीजी, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की मांग बढ़ सकती है, हालाँकि @RenukaJain6 ने आगाह किया है कि लाभ मिलने में महीनों लग सकते हैं।
वैश्विक स्तर पर, 15 अगस्त, 2025 को अलास्का में ट्रम्प-पुतिन की बैठक में यूक्रेन युद्धविराम पर कोई निर्णय नहीं हुआ, लेकिन प्रगति के संकेत मिले, जिससे बाजार की धारणा में सुधार हुआ। एसबीआई सिक्योरिटीज के सनी अग्रवाल के अनुसार, ट्रम्प द्वारा भारत के 27 अगस्त से प्रभावी 25% टैरिफ को स्थगित करने के संकेत से अस्थायी राहत मिली है। अमेरिकी बाजारों ने मिले-जुले नतीजे दिखाए, जिसमें डॉव 0.08% ऊपर रहा, लेकिन कमजोर औद्योगिक आंकड़ों के कारण एसएंडपी 500 और नैस्डैक नीचे रहे, जिसका वैश्विक संकेतों पर असर पड़ा।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने पिछले सप्ताह ₹10,173 करोड़ की बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने ₹19,000 करोड़ की खरीदारी की, जिससे फार्मा और ऑटो शेयरों को समर्थन मिला। कोल इंडिया और एचएएल सहित 100 से अधिक कंपनियों ने लाभांश और स्टॉक विभाजन की योजना बनाई है, जिससे स्टॉक-विशिष्ट गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है। वार्ता के बाद कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई, जिससे बाजार में स्थिरता आई।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के संतोष मीणा के अनुसार, निफ्टी का समर्थन 24,350 पर है, जबकि प्रतिरोध 24,700-24,800 पर है। इससे ऊपर जाने पर 25,225 तक की तेजी आ सकती है। निवेशकों को बाजार की दिशा जानने के लिए एफआईआई रुझानों, अमेरिकी फेड के कार्यवृत्त और जीएसटी कार्यान्वयन पर नज़र रखनी चाहिए।
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