Canada French Exam Protest: कनाडा के क्यूबेक प्रांत में पढ़ने गए भारतीय छात्र यहां बुरी तरह फंस गए हैं। आलम ये है कि उन्हें डिग्री तक नहीं मिल रही है, जिससे ना सिर्फ उनका भविष्य अधर में लटक गया है, बल्कि उनके लिए पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) हासिल करना भी मुश्किल हो चुका है। इस समस्या की शुरुआत तब हुई, जब भारतीय छात्रों ने दावा किया कि उनकी यूनिवर्सिटी ने उनसे कहा है कि उन्हें डिग्री तभी दी जाएगी, जब वे फ्रेंच भाषा की परीक्षा को पास करेंगे।
यूनिवर्सिटी के इस फैसले के खिलाफ भारतीय छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है और वो अब विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। डिग्री पाने के लिए फ्रेंच भाषा की परीक्षा को अनिवार्य बनाने से छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर French With Fairness नाम के एक पेज से छात्रों का वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें उनके चेहरे को ब्लर किया गया है। विरोध प्रदर्शन को लेकर कई लोगों ने भारतीय छात्रों की आलोचना की है। कुछ ने छात्रों को भारत वापस जाने तक को कहा है।
कनाडा की ऑफिशियल भाषा क्या है?
कनाडा की दो आधिकारिक भाषाएं हैं-अंग्रेजी और फ्रेंच। जहां भारतीय छात्र प्रदर्शन कर रहे है, उस राज्य का नाम क्यूबेक है। इस राज्य में फ्रेंच बड़े पैमाने पर बोली जाती है। क्यूबेक पूर्वी कनाडा में स्थित एक प्रांत है, जो अपनी समृद्ध फ्रेंच विरासत और विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान के लिए जाना जाता है। 17वीं शताब्दी की शुरुआत में इसे फ्रांसीसियों ने उपनिवेश बनाया था। बाद में यह ब्रिटिश नियंत्रण में आ गया, लेकिन क्यूबेक ने अपनी फ्रेंच भाषा और नागरिक कानून परंपराओं को बनाए रखा।
भारतीय छात्र क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं?
वीडियो में दिख रहे भारतीय छात्र क्यूबेक के सबसे बड़े शहर मॉन्ट्रियल में पढ़ते हैं। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें अनुचित तरीके से फ्रेंच परीक्षा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उनसे कहा गया है कि इन परीक्षाओं में फेल होने पर उन्हें उनकी डिग्री नहीं मिलेगी। छात्रों का ये भी दावा है कि उनकी लड़ाई सिर्फ फ्रेंच थोपने को लेकर नहीं है, बल्कि उन्हें बिल 96 को लेकर डर है, जिसने अनिश्चिता का माहौल पैदा किया है।
बिल 96 क्या है?
2022 में क्यूबेक में बिल 96 पारित किया गया था। ये कानून प्रांत में फ्रेंच भाषा के इस्तेमाल को बढ़ाता है। इसके तहत शिक्षा, व्यवसाय, सार्वजनिक सेवाओं और वर्कप्लेस जैसे क्षेत्रों में फ्रेंच को आधिकारिक और सामान्य भाषा के रूप में सुदृढ़ करने के लिए क्यूबेक के फ्रेंच भाषा के चार्टर में संशोधन किया गया है। एक तरह से बिल 96 के जरिए फ्रेंच भाषा के इस्तेमाल का दायरा हर सेक्टर में बढ़ाया गया है।
भारतीय छात्रों ने क्या कहा?
क्यूबेक में भारतीय छात्रों ने वायरल हो रहे वीडियो में कहा कि मॉन्ट्रियल के उनके कॉलेज उन्हें डिग्री हासिल करने से पहले फ्रेंच एग्जाम पास करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि ये नियम मॉन्ट्रियल, क्यूबेक के दोनों यूनिवर्सिटीज- मैकगिल और कॉनकॉर्डिया के छात्रों पर लागू नहीं होता है।
छात्रों ने कहा, "हमें मजबूर किया जा रहा है। हमारे कॉलेज के छात्र बोल रहे हैं कि हम फ्रेंच भाषा के खिलाफ नहीं, बल्कि बिल 96 की वजह से होने वाले दबाव, डर और अनिश्चितता के खिलाफ। हम यहां अपने कोर्स की पढ़ाई करने के लिए आए हैं, लेकिन अब हमें बताया गया है: नो फ्रेंच, नो डिग्री।" विरोध करने वाले छात्रों ने स्पष्ट किया, "हम फ्रेंच सीखने से इनकार नहीं कर रहे हैं। हम समय, सपोर्ट और सबसे जरूरी...निष्पक्षता की मांग कर रहे हैं।"
लोगों ने छात्रों को भारत लौटने को कहा
वायरल हो रहे वीडियो पर कनाडाई लोगों के जरिए निगेटिव कमेंट भी किए गए हैं। एक इंस्टाग्राम यूजर ने कहा, "उन्होंने मॉन्ट्रियल को चुना, जो कनाडा के स्वायत्त प्रांत क्यूबेक का एक हिस्सा है। यहां फ्रेंच आधिकारिक भाषा है। अगर छात्र आधिकारिक भाषा में बात भी नहीं कर सकते हैं, तो उन्हें PGWP देने का क्या मतलब है?" PGWP के जरिए छात्रों को काम करने की इजाजत मिलती है। एक अन्य यूजर ने कहा, "अगर आप क्यूबेक आते हैं, तो फिर आपको फ्रेंच सीखना चाहिए।"
एक अन्य यूजर ने कहा, "क्या आप इंग्लैंड जाते हैं और उनसे उम्मीद करते हैं कि वे आपसे अंग्रेजी बोलने के लिए नहीं कहेंगे? एक विदेशी छात्र बनने से पहले पहला कदम उस जगह को देखना है, जहां आप जा रहे हैं, चाहे वह संस्कृति हो, जीवन यापन की लागत हो या भाषा।" एक यूजर ने कहा, "अगर आप फ्रेंच नहीं सीखना चाहते हैं तो भारत वापस लौट जाएं। फ्रेंच यहां की भाषा और संस्कृति है। कोई भी आपके लिए समझौता करने के लिए बाध्य नहीं है, क्योंकि आप भाषा सीखना नहीं चाहते हैं।"
यूनिवर्सिटी के इस फैसले के खिलाफ भारतीय छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है और वो अब विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। डिग्री पाने के लिए फ्रेंच भाषा की परीक्षा को अनिवार्य बनाने से छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर French With Fairness नाम के एक पेज से छात्रों का वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें उनके चेहरे को ब्लर किया गया है। विरोध प्रदर्शन को लेकर कई लोगों ने भारतीय छात्रों की आलोचना की है। कुछ ने छात्रों को भारत वापस जाने तक को कहा है।
कनाडा की ऑफिशियल भाषा क्या है?
कनाडा की दो आधिकारिक भाषाएं हैं-अंग्रेजी और फ्रेंच। जहां भारतीय छात्र प्रदर्शन कर रहे है, उस राज्य का नाम क्यूबेक है। इस राज्य में फ्रेंच बड़े पैमाने पर बोली जाती है। क्यूबेक पूर्वी कनाडा में स्थित एक प्रांत है, जो अपनी समृद्ध फ्रेंच विरासत और विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान के लिए जाना जाता है। 17वीं शताब्दी की शुरुआत में इसे फ्रांसीसियों ने उपनिवेश बनाया था। बाद में यह ब्रिटिश नियंत्रण में आ गया, लेकिन क्यूबेक ने अपनी फ्रेंच भाषा और नागरिक कानून परंपराओं को बनाए रखा।
भारतीय छात्र क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं?
वीडियो में दिख रहे भारतीय छात्र क्यूबेक के सबसे बड़े शहर मॉन्ट्रियल में पढ़ते हैं। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें अनुचित तरीके से फ्रेंच परीक्षा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उनसे कहा गया है कि इन परीक्षाओं में फेल होने पर उन्हें उनकी डिग्री नहीं मिलेगी। छात्रों का ये भी दावा है कि उनकी लड़ाई सिर्फ फ्रेंच थोपने को लेकर नहीं है, बल्कि उन्हें बिल 96 को लेकर डर है, जिसने अनिश्चिता का माहौल पैदा किया है।
बिल 96 क्या है?
2022 में क्यूबेक में बिल 96 पारित किया गया था। ये कानून प्रांत में फ्रेंच भाषा के इस्तेमाल को बढ़ाता है। इसके तहत शिक्षा, व्यवसाय, सार्वजनिक सेवाओं और वर्कप्लेस जैसे क्षेत्रों में फ्रेंच को आधिकारिक और सामान्य भाषा के रूप में सुदृढ़ करने के लिए क्यूबेक के फ्रेंच भाषा के चार्टर में संशोधन किया गया है। एक तरह से बिल 96 के जरिए फ्रेंच भाषा के इस्तेमाल का दायरा हर सेक्टर में बढ़ाया गया है।
भारतीय छात्रों ने क्या कहा?
क्यूबेक में भारतीय छात्रों ने वायरल हो रहे वीडियो में कहा कि मॉन्ट्रियल के उनके कॉलेज उन्हें डिग्री हासिल करने से पहले फ्रेंच एग्जाम पास करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि ये नियम मॉन्ट्रियल, क्यूबेक के दोनों यूनिवर्सिटीज- मैकगिल और कॉनकॉर्डिया के छात्रों पर लागू नहीं होता है।
छात्रों ने कहा, "हमें मजबूर किया जा रहा है। हमारे कॉलेज के छात्र बोल रहे हैं कि हम फ्रेंच भाषा के खिलाफ नहीं, बल्कि बिल 96 की वजह से होने वाले दबाव, डर और अनिश्चितता के खिलाफ। हम यहां अपने कोर्स की पढ़ाई करने के लिए आए हैं, लेकिन अब हमें बताया गया है: नो फ्रेंच, नो डिग्री।" विरोध करने वाले छात्रों ने स्पष्ट किया, "हम फ्रेंच सीखने से इनकार नहीं कर रहे हैं। हम समय, सपोर्ट और सबसे जरूरी...निष्पक्षता की मांग कर रहे हैं।"
लोगों ने छात्रों को भारत लौटने को कहा
वायरल हो रहे वीडियो पर कनाडाई लोगों के जरिए निगेटिव कमेंट भी किए गए हैं। एक इंस्टाग्राम यूजर ने कहा, "उन्होंने मॉन्ट्रियल को चुना, जो कनाडा के स्वायत्त प्रांत क्यूबेक का एक हिस्सा है। यहां फ्रेंच आधिकारिक भाषा है। अगर छात्र आधिकारिक भाषा में बात भी नहीं कर सकते हैं, तो उन्हें PGWP देने का क्या मतलब है?" PGWP के जरिए छात्रों को काम करने की इजाजत मिलती है। एक अन्य यूजर ने कहा, "अगर आप क्यूबेक आते हैं, तो फिर आपको फ्रेंच सीखना चाहिए।"
एक अन्य यूजर ने कहा, "क्या आप इंग्लैंड जाते हैं और उनसे उम्मीद करते हैं कि वे आपसे अंग्रेजी बोलने के लिए नहीं कहेंगे? एक विदेशी छात्र बनने से पहले पहला कदम उस जगह को देखना है, जहां आप जा रहे हैं, चाहे वह संस्कृति हो, जीवन यापन की लागत हो या भाषा।" एक यूजर ने कहा, "अगर आप फ्रेंच नहीं सीखना चाहते हैं तो भारत वापस लौट जाएं। फ्रेंच यहां की भाषा और संस्कृति है। कोई भी आपके लिए समझौता करने के लिए बाध्य नहीं है, क्योंकि आप भाषा सीखना नहीं चाहते हैं।"
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