Zohran Mamdani News: अमेरिका में भारतवंशी जोहरान ममदानी ने इतिहास रच दिया है। 34 वर्षीय डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के चुनाव में जीत हासिल की है। उन्होंने न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन पार्टी के नेता कर्टिस स्लीवा को हराकर मेयर चुनाव जीता है। वह 1 जनवरी से मेयर पद संभालने वाले हैं। जोहरान न्यूयॉर्क सिटी के पहले मुस्लिम मेयर हैं। साथ ही वह दक्षिण-एशियाई मूल के भी पहले और 100 सालों में सबसे युवा मेयर बने हैं।
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जोहरान को उनकी मिडिल-क्लास लाइफस्टाइल के लिए जाना जाता है। वह भले ही मेयर बन चुके हैं, लेकिन उनके पास ना तो खुद की कार है और ना ही वह किसी घर के मालिक हैं। दुनिया के सबसे बड़े फाइनेंशियल हब न्यूयॉर्क सिटी में वह रेंट पर एक अपार्टमेंट में रहते हैं। उन्होंने पूरा चुनाव ही कामकाजी लोगों के मुद्दों के इर्द-गिर्द लड़ा। जोहरान का चुनावी अभियान दुनियाभर में चर्चा का विषय था, जहां वह खुद कैमरा लेकर लोगों से बात करते थे। आइए जानते हैं कि जोहरान ममदानी कितने पढ़े-लिखे हैं।
कौन हैं जोहरान ममदानी?
जोहरान ममदानी की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं। उनका जन्म 18 अक्टूबर, 1991 को अफ्रीकी देश यूगांडा की राजधानी कंपाला में हुआ था। उनके पिता का नाम महमूद ममदानी है, जो मूल रूप से गुजराती मुस्लिम हैं, जिनका जन्म बॉम्बे में हुआ था। महमूद ममदानी न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। जोहरान की मां मशहूर फिल्ममेकर मीरा नायर हैं, जो पंजाबी हिंदू हैं। इस वजह से जोहरान की परवरिश में भारतीयता झलकती है। उन्होंने उर्दू में अपना चुनावी कैंपेन भी किया था।
कितने पढ़े-लिखे हैं जोहरान ममदानी?
न्यूयॉर्क असेंबली के मुताबिक, जोहरान जब सात साल के थे, तब वह न्यूयॉर्क सिटी में रहने आ गए। वह अपर मैनेहेटन के मॉर्निंगसाइड हाइट इलाके में रहते थे। उन्होंने न्यूयॉर्क के NYC पब्लिक स्कूल सिस्टम में आने वाले ब्रॉक्ंस हाई स्कूल ऑफ साइंस से स्कूली शिक्षा हासिल की। इसके बाद उन्होंने मेन राज्य के बोडोइन कॉलेज में बैचलर्स डिग्री के लिए एडमिशन लिया। ये एक प्राइवेट लिबरल आर्ट्स कॉलेज है, जिसकी स्थापना 1794 में की गई थी। ये कॉलेज 231 साल पुराना है।
इसका मुख्य कैंपस एंड्रोस्कोगिन नदी के पास स्थित है। जोहरान ने 2014 में बोडोइन कॉलेज से अफ्रीकन स्टडीज में बैचलर्स डिग्री हासिल की। कॉलेज में रहने के दौरान ही वह राजनीतिक गतिविधियों में शामिल थे। उन्होंने कॉलेज में Students for Justice in Palestine नाम से एक स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना भी की। जोहरान 2018 में नैचुरलाइजेशन प्रोसेस के जरिए अमेरिका के नागरिक बने। फिलहाल जोहरान ममदानी के सामने अपने चुनावी वादों को पूरा करने की चुनौती है।
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जोहरान को उनकी मिडिल-क्लास लाइफस्टाइल के लिए जाना जाता है। वह भले ही मेयर बन चुके हैं, लेकिन उनके पास ना तो खुद की कार है और ना ही वह किसी घर के मालिक हैं। दुनिया के सबसे बड़े फाइनेंशियल हब न्यूयॉर्क सिटी में वह रेंट पर एक अपार्टमेंट में रहते हैं। उन्होंने पूरा चुनाव ही कामकाजी लोगों के मुद्दों के इर्द-गिर्द लड़ा। जोहरान का चुनावी अभियान दुनियाभर में चर्चा का विषय था, जहां वह खुद कैमरा लेकर लोगों से बात करते थे। आइए जानते हैं कि जोहरान ममदानी कितने पढ़े-लिखे हैं।
कौन हैं जोहरान ममदानी?
जोहरान ममदानी की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं। उनका जन्म 18 अक्टूबर, 1991 को अफ्रीकी देश यूगांडा की राजधानी कंपाला में हुआ था। उनके पिता का नाम महमूद ममदानी है, जो मूल रूप से गुजराती मुस्लिम हैं, जिनका जन्म बॉम्बे में हुआ था। महमूद ममदानी न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। जोहरान की मां मशहूर फिल्ममेकर मीरा नायर हैं, जो पंजाबी हिंदू हैं। इस वजह से जोहरान की परवरिश में भारतीयता झलकती है। उन्होंने उर्दू में अपना चुनावी कैंपेन भी किया था।
कितने पढ़े-लिखे हैं जोहरान ममदानी?
न्यूयॉर्क असेंबली के मुताबिक, जोहरान जब सात साल के थे, तब वह न्यूयॉर्क सिटी में रहने आ गए। वह अपर मैनेहेटन के मॉर्निंगसाइड हाइट इलाके में रहते थे। उन्होंने न्यूयॉर्क के NYC पब्लिक स्कूल सिस्टम में आने वाले ब्रॉक्ंस हाई स्कूल ऑफ साइंस से स्कूली शिक्षा हासिल की। इसके बाद उन्होंने मेन राज्य के बोडोइन कॉलेज में बैचलर्स डिग्री के लिए एडमिशन लिया। ये एक प्राइवेट लिबरल आर्ट्स कॉलेज है, जिसकी स्थापना 1794 में की गई थी। ये कॉलेज 231 साल पुराना है।
इसका मुख्य कैंपस एंड्रोस्कोगिन नदी के पास स्थित है। जोहरान ने 2014 में बोडोइन कॉलेज से अफ्रीकन स्टडीज में बैचलर्स डिग्री हासिल की। कॉलेज में रहने के दौरान ही वह राजनीतिक गतिविधियों में शामिल थे। उन्होंने कॉलेज में Students for Justice in Palestine नाम से एक स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना भी की। जोहरान 2018 में नैचुरलाइजेशन प्रोसेस के जरिए अमेरिका के नागरिक बने। फिलहाल जोहरान ममदानी के सामने अपने चुनावी वादों को पूरा करने की चुनौती है।
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