नई दिल्ली: तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं। हेड कोच अजीत अगरकर और शमी मीडिया से बात करने के दौरान एक दूसरे पर निशाने साधते रहते हैं। रणजी ट्रॉफी में शमी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। अब शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां से केस फिर से चर्चा में आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शमी को अलग रह रही पत्नी हसीन जहां की याचिका पर नोटिस जारी किया है। हसीन जहां ने खुद और अपनी नाबालिग बेटी के लिए गुजारा भत्ता बढ़ाने की मांग की है। जस्टिस मनोज मिश्रा और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने शमी से कलकत्ता हाईकोर्ट के दो फैसलों को चुनौती देने वाली पत्नी की याचिका पर चार हफ्तों में जवाब मांगा है।
10 लाख रुपये चाहती हैं हसीन जहां
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पहले हसीन जहां के लिए हर महीने डेढ़ लाख रुपये और बेटी के लिए ढाई लाख रुपये गुजारा भत्ता तय किया था। इसके साथ ही शमी को बकाया राशि आठ मासिक किस्तों में चुकाने को कहा था। हसीन जहां का कहना है कि शमी की दौलत और उनके आलीशान रहन-सहन को देखते हुए यह रकम बहुत कम है। वह खुद के लिए हर महीने 7 लाख रुपये और बेटी के लिए 3 लाख रुपये गुजारा भत्ता चाहती हैं। याचिका के मुताबिक, शमी की 2021-22 की इनकम टैक्स रिटर्न के अनुसार उनकी सालाना कमाई करीब 48 करोड़ रुपये थी। वहीं, हसीन जहां का दावा है कि वह दयनीय हालत में जी रही हैं और रोजमर्रा के खर्चों के लिए संघर्ष कर रही हैं।
2018 में शुरू हुआ था दोनों का विवाद
याचिका में शमी के लग्जरी गाड़ियों के कलेक्शन का भी जिक्र है। इसमें रेंज रोवर, जैगुआर, मर्सिडीज और टोयोटा फॉर्च्यूनर जैसी गाड़ियां शामिल हैं। शमी और हसीन जहां ने अप्रैल 2014 में शादी की थी। 2018 में हसीन जहां ने कोलकाता के जादवपुर पुलिस स्टेशन में घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया था, जिसके बाद शमी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी। फिर हसीन जहां ने घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम के तहत अंतरिम गुजारा भत्ते के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
शुरुआत में एक ट्रायल कोर्ट ने बेटी के लिए हर महीने 80 हजार रुपये का गुजारा भत्ता मंजूर किया था, लेकिन शमी की पत्नी को कोई भत्ता नहीं दिया था। इसके बाद, सेशंस कोर्ट ने 2023 में हसीन जहां के लिए 50 हजार रुपये और बेटी के लिए 80 हजार रुपये का गुजारा भत्ता तय किया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 1 जुलाई के अपने आदेश में राशि को बढ़ाकर 1.5 लाख और 2.5 लाख रुपये कर दिया था।
10 लाख रुपये चाहती हैं हसीन जहां
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पहले हसीन जहां के लिए हर महीने डेढ़ लाख रुपये और बेटी के लिए ढाई लाख रुपये गुजारा भत्ता तय किया था। इसके साथ ही शमी को बकाया राशि आठ मासिक किस्तों में चुकाने को कहा था। हसीन जहां का कहना है कि शमी की दौलत और उनके आलीशान रहन-सहन को देखते हुए यह रकम बहुत कम है। वह खुद के लिए हर महीने 7 लाख रुपये और बेटी के लिए 3 लाख रुपये गुजारा भत्ता चाहती हैं। याचिका के मुताबिक, शमी की 2021-22 की इनकम टैक्स रिटर्न के अनुसार उनकी सालाना कमाई करीब 48 करोड़ रुपये थी। वहीं, हसीन जहां का दावा है कि वह दयनीय हालत में जी रही हैं और रोजमर्रा के खर्चों के लिए संघर्ष कर रही हैं।
2018 में शुरू हुआ था दोनों का विवाद
याचिका में शमी के लग्जरी गाड़ियों के कलेक्शन का भी जिक्र है। इसमें रेंज रोवर, जैगुआर, मर्सिडीज और टोयोटा फॉर्च्यूनर जैसी गाड़ियां शामिल हैं। शमी और हसीन जहां ने अप्रैल 2014 में शादी की थी। 2018 में हसीन जहां ने कोलकाता के जादवपुर पुलिस स्टेशन में घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया था, जिसके बाद शमी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी। फिर हसीन जहां ने घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम के तहत अंतरिम गुजारा भत्ते के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
शुरुआत में एक ट्रायल कोर्ट ने बेटी के लिए हर महीने 80 हजार रुपये का गुजारा भत्ता मंजूर किया था, लेकिन शमी की पत्नी को कोई भत्ता नहीं दिया था। इसके बाद, सेशंस कोर्ट ने 2023 में हसीन जहां के लिए 50 हजार रुपये और बेटी के लिए 80 हजार रुपये का गुजारा भत्ता तय किया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 1 जुलाई के अपने आदेश में राशि को बढ़ाकर 1.5 लाख और 2.5 लाख रुपये कर दिया था।
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