मानेसर (हरियाणा) : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और अहमदाबाद (गांधीनगर) के बाद अब उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भी एनएसजी का एक और हब (सेंटर) खोला जाएगा। जहां 365 दिन और सातों दिन एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो किसी भी तरह के आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हर पल तैयार रहेंगे। गृह मंत्री ने मंगलवार को यह ऐलान मानेसर में एनएसजी के 41वें स्थापना दिवस पर किया। एनएसजी की जम्मू में भी ‘टास्क फोर्स’ नामक एक छोटी इकाई है।
इससे पहले समारोह में बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए गृह मंत्री अमित शाह को एनएसजी के के9 इंग्लिश कॉकर स्पेनियल ब्रूनो ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। इस दौरान एनएसजी कमांडो की आतंकी हमले से निपटने, इमरजेंसी के वक्त हेलिकॉप्टर से उतरकर मोर्चा संभालने और दिल्ली मेडिकल कॉलेज के नाम से बनाई गई एक नकली जगह में आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को सकुशल रिहा कर आतंकवादियों का खात्मा करने जैसे एनएसजी कमांडो के कारनामे दिखा गए।
आतंकियों से लड़ने की कड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी
इस दौरान गृह मंत्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार आने वाले दिनों में एनएसजी की कार्यप्रणाली में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसमें यहां एनएसजी कैंपस में स्पेशल ऑपरेशंस ट्रेनिंग सेंटर (SOTC) भी बनाया जाएगा। जिसका गृह मंत्री ने भूमिपूजन भी किया। इसके बनने के बाद इस सेंटर में आतंकवाद का सामना करने वाले एनएसजी के स्पेशल कमांडो की और कड़ी और अत्याधुनिक ट्रेनिंग कराई जाया करेगी। इस ट्रेनिंग सेंटर में ना केवल एनएसजी कमांडो की बल्कि देशभर के पुलिस बलों में स्थापित एंटी टेरर यूनिट को भी अत्याधुनिक तकनीक के साथ ट्रेंड किया जाएगा।
अमित शाह ने गिनवाई सरकार की उपलब्धियां
उन्होंने कहा कि 2019 के बाद से मोदी सरकार देश को आतंकी खतरों से बचाने के लिए लगातार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बैन लगाना, मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) को मजबूत करना, अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) और नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) के माध्यम से देशभर की जांच एजेंसियों के साथ पूरे देश का डेटा साझा करने की शुरुआत समेत तीन नए आपराधिक कानूनों में पहली बार आतंकवाद की व्याख्या कर कमियों को भी भरने का काम किया गया। अब तक 57 से अधिक व्यक्तियों और संगठनों को आतंकवादी संगठन और आतंकवादी घोषित कर हम उनकी गतिविधियों पर नियंत्रण करने में सफल हुए हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने धारा 370 को खत्म करने से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर से आतंकवादियों के मर्म स्थान पर कठोर आघात किया है। हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने सिद्ध किया है कि वे आतंकियों को पाताल से भी ढूंढकर दंड देंगे। अब आतंकवादी दुनिया में कहीं नहीं छिप सकते।
अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर का किया जिक्र
गृह मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवाद की प्लानिंग और भारत पर हमले की व्यूह रचना के लिए बने पाकिस्तानी टेरर ग्रुप्स के मुख्य़ालयों, आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप्स और लांच पैड्स को ध्वस्त कर दिया गया। फिर ऑपरेशन महादेव ने पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों को भी समाप्त कर हमारे सुरक्षाबलों पर देश का विश्वास बढ़ाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि NSG के जवानों ने 4 दशक की लंबी अपनी यात्रा में संसद समेत देश के 770 से अधिक महत्वपूर्ण स्थानों की रेकी की है। जहां आतंकी हमला होने की स्थिति से निपटने के लिए वहां की व्यूह रचना कर एक डेटा बैंक बनाया गया है। इसके साथ ही अस्पतालों, धार्मिक स्थानों, अन्य महत्वपूर्ण वाइटल संस्थानों, जलमार्गों और देश की संसद की सुरक्षा की भी बहुत अच्छी प्लानिंग की है।
महाकुंभ हो, पुरी की रथ यात्रा हो या कोई धार्मिक आयोजन NSG ने साहस, समर्पण और सुरक्षा का प्रतीक बनने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मोदी सरकार NSG को न सिर्फ और अधिक अत्याधुनिक तकनीक से लैस करेगी बल्कि बल के कामकाज में भी बहुत बड़ा बदलाव लाएगी।
एनएसजी ने कई ऑपरेशनों को दिया अंजाम
अमित शाह ने कहा कि एनएसजी ने 1984 से ऑपरेशन अश्वमेध, ऑपरेशन वज्र शक्ति, ऑपरेशन धांगू जैसे अभियानों से अक्षरधाम हमले और मुंबई आतंकी हमले से बहादुरी और क्षमता के साथ राष्ट्र को सुरक्षित किया है। देश में एनएसजी हब बढ़ाने के पीछे सरकार का मकसद आतंकवादी हमले जैसी किसी भी आपात स्थिति में एनएसजी कमांडो को तुरंत और प्रभावी ढंग से मौके पर पहुंचकर आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देना है।
सरकार ने 30 जून और एक जुलाई 2009 को मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में एनएसजी के चार रीजनल हब शुरू किए थे। इन्हें बनाने का निर्णय 2008 के 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद लिया गया था। ताकि विशिष्ट कमांडो को हमले वाली जगह पर पहुंचने में लगने वाला समय घटाया जा सके।
मार्च 2011 में केंद्र सरकार ने गांधीनगर में एक और एनएसजी हब क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने की मंजूरी दी थी। अब अयोध्या में एनएसजी कमांडो के लिए एक और हब बनाने के लिए लैंड मिल चुकी है। उम्मीद है कि अगले साल तक यह सेंटर काम करने लगेगा। इससे पहले एनएसजी कमांडो को दिल्ली से हवाई मार्ग से ले जाना पड़ता था। जिसमें देरी होती थी।
इससे पहले समारोह में बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए गृह मंत्री अमित शाह को एनएसजी के के9 इंग्लिश कॉकर स्पेनियल ब्रूनो ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। इस दौरान एनएसजी कमांडो की आतंकी हमले से निपटने, इमरजेंसी के वक्त हेलिकॉप्टर से उतरकर मोर्चा संभालने और दिल्ली मेडिकल कॉलेज के नाम से बनाई गई एक नकली जगह में आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को सकुशल रिहा कर आतंकवादियों का खात्मा करने जैसे एनएसजी कमांडो के कारनामे दिखा गए।
आतंकियों से लड़ने की कड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी
इस दौरान गृह मंत्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार आने वाले दिनों में एनएसजी की कार्यप्रणाली में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसमें यहां एनएसजी कैंपस में स्पेशल ऑपरेशंस ट्रेनिंग सेंटर (SOTC) भी बनाया जाएगा। जिसका गृह मंत्री ने भूमिपूजन भी किया। इसके बनने के बाद इस सेंटर में आतंकवाद का सामना करने वाले एनएसजी के स्पेशल कमांडो की और कड़ी और अत्याधुनिक ट्रेनिंग कराई जाया करेगी। इस ट्रेनिंग सेंटर में ना केवल एनएसजी कमांडो की बल्कि देशभर के पुलिस बलों में स्थापित एंटी टेरर यूनिट को भी अत्याधुनिक तकनीक के साथ ट्रेंड किया जाएगा।
अमित शाह ने गिनवाई सरकार की उपलब्धियां
उन्होंने कहा कि 2019 के बाद से मोदी सरकार देश को आतंकी खतरों से बचाने के लिए लगातार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बैन लगाना, मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) को मजबूत करना, अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) और नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) के माध्यम से देशभर की जांच एजेंसियों के साथ पूरे देश का डेटा साझा करने की शुरुआत समेत तीन नए आपराधिक कानूनों में पहली बार आतंकवाद की व्याख्या कर कमियों को भी भरने का काम किया गया। अब तक 57 से अधिक व्यक्तियों और संगठनों को आतंकवादी संगठन और आतंकवादी घोषित कर हम उनकी गतिविधियों पर नियंत्रण करने में सफल हुए हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने धारा 370 को खत्म करने से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर से आतंकवादियों के मर्म स्थान पर कठोर आघात किया है। हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने सिद्ध किया है कि वे आतंकियों को पाताल से भी ढूंढकर दंड देंगे। अब आतंकवादी दुनिया में कहीं नहीं छिप सकते।
अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर का किया जिक्र
गृह मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवाद की प्लानिंग और भारत पर हमले की व्यूह रचना के लिए बने पाकिस्तानी टेरर ग्रुप्स के मुख्य़ालयों, आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप्स और लांच पैड्स को ध्वस्त कर दिया गया। फिर ऑपरेशन महादेव ने पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों को भी समाप्त कर हमारे सुरक्षाबलों पर देश का विश्वास बढ़ाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि NSG के जवानों ने 4 दशक की लंबी अपनी यात्रा में संसद समेत देश के 770 से अधिक महत्वपूर्ण स्थानों की रेकी की है। जहां आतंकी हमला होने की स्थिति से निपटने के लिए वहां की व्यूह रचना कर एक डेटा बैंक बनाया गया है। इसके साथ ही अस्पतालों, धार्मिक स्थानों, अन्य महत्वपूर्ण वाइटल संस्थानों, जलमार्गों और देश की संसद की सुरक्षा की भी बहुत अच्छी प्लानिंग की है।
महाकुंभ हो, पुरी की रथ यात्रा हो या कोई धार्मिक आयोजन NSG ने साहस, समर्पण और सुरक्षा का प्रतीक बनने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मोदी सरकार NSG को न सिर्फ और अधिक अत्याधुनिक तकनीक से लैस करेगी बल्कि बल के कामकाज में भी बहुत बड़ा बदलाव लाएगी।
एनएसजी ने कई ऑपरेशनों को दिया अंजाम
अमित शाह ने कहा कि एनएसजी ने 1984 से ऑपरेशन अश्वमेध, ऑपरेशन वज्र शक्ति, ऑपरेशन धांगू जैसे अभियानों से अक्षरधाम हमले और मुंबई आतंकी हमले से बहादुरी और क्षमता के साथ राष्ट्र को सुरक्षित किया है। देश में एनएसजी हब बढ़ाने के पीछे सरकार का मकसद आतंकवादी हमले जैसी किसी भी आपात स्थिति में एनएसजी कमांडो को तुरंत और प्रभावी ढंग से मौके पर पहुंचकर आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देना है।
सरकार ने 30 जून और एक जुलाई 2009 को मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में एनएसजी के चार रीजनल हब शुरू किए थे। इन्हें बनाने का निर्णय 2008 के 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद लिया गया था। ताकि विशिष्ट कमांडो को हमले वाली जगह पर पहुंचने में लगने वाला समय घटाया जा सके।
मार्च 2011 में केंद्र सरकार ने गांधीनगर में एक और एनएसजी हब क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने की मंजूरी दी थी। अब अयोध्या में एनएसजी कमांडो के लिए एक और हब बनाने के लिए लैंड मिल चुकी है। उम्मीद है कि अगले साल तक यह सेंटर काम करने लगेगा। इससे पहले एनएसजी कमांडो को दिल्ली से हवाई मार्ग से ले जाना पड़ता था। जिसमें देरी होती थी।
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