रायपुर: छत्तीसगढ़ के कोयला लेवी घोटाले में जेल में बंद रानू साहू, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई और सूर्यकांत तिवारी को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाले मामले में अंतरिम जमानत दे दी है। हालांकि इस सभी सख्त पाबंदी के तौर पर जमानत मिली है। गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के चलते कोर्ट ने जमानत के बाद छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी लगाई गई है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकार दत्ता की डबल बेंच ने इस जमानत याचिका पर सुनवाई की है। तीनों लंबे समय से जेल में बंद है। छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले का खुलासा भूपेश बघेल की सरकार में मामने आया था। इसके बाद से ही इस घोटाले में जांच एजेंसी कार्रवाई कर रही हैं।
जमानत मिली पर जेल में रहेंगेहालांकि सभी आरोपी जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। उन्हें ईओडब्ल्यू में दर्ज दूसरे मामलों की वजह से जेल में ही रहना होगा। कोयला घोटाले का मास्टर माइंड सूर्यकांत तिवारी को बताया जा रहा है। अवैध कोल लेवी घोटाला करीब 570 रुपये करोड़ का बताया जा रहा है। सिंडिकेट बनाकर इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया था। दीवा किया जा रहा है कि 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध वसूली की जाती थी।
घोटाले में कई कारोबारी और अधिकारी शामिल
कोल घोटाले मामले में जांच एजेंसी ने कई बड़े कारोबारियों और आईएएस अधिकारियों से पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया है। इस पूरे घोटाले को प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया था। 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से करीब 570 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी।
क्या कहा कोर्ट ने
सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के मामले में कोर्ट ने यह निर्देश दिए हैं कि वे अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य में नहीं रहेंगे। वे आवश्यकतानुसार जांच एजेंसी या ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहेंगे। ये भी निर्देश है कि वे अपनी रिहाई के 1 सप्ताह के भीतर राज्य के बाहर अपने रहने के पते पेश करें। उन्हें अपने रहने के स्थान की जानकारी भी अधिकार क्षेत्र के थाने में देना होगा।
जांच में सहयोग के निर्देश
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देशित किया है कि वे अंतरिम जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद अपने पासपोर्ट विशेष अदालतों में जमा करें, वे जांच में शामिल होंगे और पूरा सहयोग करेंगे।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकार दत्ता की डबल बेंच ने इस जमानत याचिका पर सुनवाई की है। तीनों लंबे समय से जेल में बंद है। छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले का खुलासा भूपेश बघेल की सरकार में मामने आया था। इसके बाद से ही इस घोटाले में जांच एजेंसी कार्रवाई कर रही हैं।
जमानत मिली पर जेल में रहेंगेहालांकि सभी आरोपी जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। उन्हें ईओडब्ल्यू में दर्ज दूसरे मामलों की वजह से जेल में ही रहना होगा। कोयला घोटाले का मास्टर माइंड सूर्यकांत तिवारी को बताया जा रहा है। अवैध कोल लेवी घोटाला करीब 570 रुपये करोड़ का बताया जा रहा है। सिंडिकेट बनाकर इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया था। दीवा किया जा रहा है कि 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध वसूली की जाती थी।
घोटाले में कई कारोबारी और अधिकारी शामिल
कोल घोटाले मामले में जांच एजेंसी ने कई बड़े कारोबारियों और आईएएस अधिकारियों से पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया है। इस पूरे घोटाले को प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया था। 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से करीब 570 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी।
क्या कहा कोर्ट ने
सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के मामले में कोर्ट ने यह निर्देश दिए हैं कि वे अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य में नहीं रहेंगे। वे आवश्यकतानुसार जांच एजेंसी या ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहेंगे। ये भी निर्देश है कि वे अपनी रिहाई के 1 सप्ताह के भीतर राज्य के बाहर अपने रहने के पते पेश करें। उन्हें अपने रहने के स्थान की जानकारी भी अधिकार क्षेत्र के थाने में देना होगा।
जांच में सहयोग के निर्देश
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देशित किया है कि वे अंतरिम जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद अपने पासपोर्ट विशेष अदालतों में जमा करें, वे जांच में शामिल होंगे और पूरा सहयोग करेंगे।
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