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चाबहार पोर्ट पर खत्म हुई छूट की मियाद...अमेरिका के हाथ गेंद...क्या फिर भारत को झटका देंगे ट्रंप?

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नई दिल्ली: चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी छूट की मियाद बीते मंगलवार (27 अक्टूबर,2025) को खत्म हो चुकी है। ईरान का चाबहार बंदरगाह भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी लिंक है। इसपर अमेरिका ने पाबंदियों पर छूट दे रखी थी, जिसे फिर से विस्तार देने के लिए भारत डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन से बातचीत कर रहा है। भारत के लिए चाबहार पोर्ट अफगानिस्तान, मध्य एशिया और पूर्वी रूस तक पहुंचने का बहुत ही सुगम मार्ग है।

अमेरिका से पाबंदी में रियायत मिलेगी?
ET ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट दी है, जिसके अनुसार भारत, अमेरिका से इसपर पाबंदियों से मिली रियायत को आगे भी जारी रखने के लिए सक्रिय तौर पर चर्चा में जुटा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने अभी तक इसपर कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन यह मुद्दा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के विचाराधीन है।


भारत के लिए रणनीतिक तौर पर अहम

चाबहार बंदरगाह भारत के लिए अफगानिस्तान तक पहुंचने के स्ट्रैटजिक गेटवे के रूप में काम आता है। यहां से दोनों देशों के बीच आर्थिक गतिविधियों को भी अंजाम दिया जा सकता है और नई दिल्ली काबुल तक मानवीय सहायता भी पहुंचा सकता है। इसी महीने भारत से वहां के लिए मेडिकल जरूरत की चीजें और एंबुलेंस भेजे गए हैं।

अफगानिस्तान को भी चाबहार पर है भरोसा
तालिबान भी इस बंदरदाह का इस्तेमाल अपने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए करने में दिलचस्पी दिखा रहा है। चारों तरफ से जमीन से घिरे होने की वजह से अफगानिस्तान समुद्री कारोबार के लिए पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर निर्भर है और उसकी गिरफ्त से हर हाल में बाहर निकलना चाहता है।

28 अक्टूबर को खत्म हो गई छूट की सीमा
भारत ने 2024 से ईरान के साथ एक दशक के लिए चाबहार बंदरगाह के प्रबंधन का समझौता कर रखा है। भारत ने इसके विकास पर बहुत ज्यादा निवेश कर रखा है। अमेरिका ने इसपर जो पाबंदी लगा रखी है, उसपर पहले उसने 28 अक्टूबर तक रियायत बढ़ा दी थी। पहले इसकी मियाद 29 सितंबर को ही खत्म हो रही थी।

रूस के लिए भी फायदेमंद है चाबहार पोर्ट
उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान और ताजिकिस्तान का चाबहार बंदरगाह में इस वजह से दिलचस्पी है, क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए मात्र चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के भरोसे नहीं रहना चाहते। इसी तरह रूस चाबहार के माध्यम से कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान होते हुए भारत से लेकर विस्तृत एशियाई क्षेत्र तक अपना व्यापार पहुंच बढ़ाने के लिए इसे एक्सप्लोर कर रहा है।

चाबहार पर ईरान की भारत पर टिकी है उम्मीद
पिछले महीने ही ईरान ने भारत और उज्बेकिस्तान के साथ तेहरान में एक बैठक की थी, ताकि चाबहार पोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा सके और इसे एक विशाल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के तौर पर स्थापित किया जा सके। इसके अलावा भारत यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ भी रेयर अर्थ मिनरल्स समेत अन्य क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने के लिए जल्द से जल्द मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर चर्चा में जुटा है।

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