संदीप तिवारी, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने के साथ ही पुलिस विभाग में भी सर्दी का असर दिखने लगा है। अब पुलिसकर्मी गर्म वर्दी में नजर आएंगे। डीजीपी के जीएसओ शलभ माथुर ने प्रदेशभर की पुलिस इकाइयों के लिए शीतकालीन वर्दी धारण करने का आदेश जारी किया है। निर्देश के मुताबिक, 27 अक्टूबर से रात में और 1 नवंबर से दिन-रात दोनों समय शीतकालीन वर्दी पहनने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि डीजीपी मुख्यालय से हर साल मौसम के अनुरूप वर्दी बदलने को लेकर आदेश जारी किया जाता है। इसी के तहत इस बार भी यह आदेश जारी हुआ है। 1 नवंबर से दिन- रात में अफसर पहनेंगे शीतकालीन वर्दी
वर्दी बदलने का यह नियम पूरी तरह मौसम और व्यावहारिक परिस्थितियों पर आधारित होता है। जैसे-जैसे तापमान गिरता है, वैसे-वैसे पुलिसकर्मियों को ठंड से बचाव के लिए गर्म वर्दी की अनुमति दी जाती है। आदेश में कहा गया है कि 27 अक्टूबर की रात से सभी पुलिसकर्मी शीतकालीन वर्दी धारण करें।
इसमें ऊनी शर्ट, पैंट, स्वेटर, ब्लेज़र और कैप का समावेश रहेगा। वहीं 1 नवंबर से दिन और रात दोनों समय सर्दी की वर्दी पहनना अनिवार्य होगा। इसका पालन प्रदेश के सभी जिलों, पुलिस मुख्यालयों, थानों, यातायात इकाइयों और विशेष शाखाओं में किया जाएगा।
मौसम के अनुसार निर्धारित होती है वर्दी
डीजीपी कार्यालय से जारी यह आदेश न केवल ड्रेस कोड तय करता है, बल्कि यह अनुशासन और एकरूपता बनाए रखने का भी प्रतीक है। हर वर्ष दो मौसमों गर्मी और सर्दी के लिए अलग-अलग वर्दी निर्धारित होती है। गर्मियों में हल्की और कॉटन की ड्रेस अनिवार्य रहती है, जबकि सर्दियों में ऊनी वर्दी का उपयोग किया जाता है।
पुलिस विभाग में वर्दी का समय निर्धारण महज औपचारिकता नहीं, बल्कि यह सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ा अहम निर्णय भी होता है। ठंड के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को रात में लंबे समय तक खुले में रहना पड़ता है। ऐसे में मौसम के अनुसार वर्दी बदलना उनकी कार्यक्षमता और स्वास्थ्य दोनों के लिए जरूरी होता है। लखनऊ से लेकर प्रदेश के हर जिले तक पुलिस इकाइयों में अब सर्दी की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
वर्दी बदलने का यह नियम पूरी तरह मौसम और व्यावहारिक परिस्थितियों पर आधारित होता है। जैसे-जैसे तापमान गिरता है, वैसे-वैसे पुलिसकर्मियों को ठंड से बचाव के लिए गर्म वर्दी की अनुमति दी जाती है। आदेश में कहा गया है कि 27 अक्टूबर की रात से सभी पुलिसकर्मी शीतकालीन वर्दी धारण करें।
इसमें ऊनी शर्ट, पैंट, स्वेटर, ब्लेज़र और कैप का समावेश रहेगा। वहीं 1 नवंबर से दिन और रात दोनों समय सर्दी की वर्दी पहनना अनिवार्य होगा। इसका पालन प्रदेश के सभी जिलों, पुलिस मुख्यालयों, थानों, यातायात इकाइयों और विशेष शाखाओं में किया जाएगा।
मौसम के अनुसार निर्धारित होती है वर्दी
डीजीपी कार्यालय से जारी यह आदेश न केवल ड्रेस कोड तय करता है, बल्कि यह अनुशासन और एकरूपता बनाए रखने का भी प्रतीक है। हर वर्ष दो मौसमों गर्मी और सर्दी के लिए अलग-अलग वर्दी निर्धारित होती है। गर्मियों में हल्की और कॉटन की ड्रेस अनिवार्य रहती है, जबकि सर्दियों में ऊनी वर्दी का उपयोग किया जाता है।
पुलिस विभाग में वर्दी का समय निर्धारण महज औपचारिकता नहीं, बल्कि यह सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ा अहम निर्णय भी होता है। ठंड के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को रात में लंबे समय तक खुले में रहना पड़ता है। ऐसे में मौसम के अनुसार वर्दी बदलना उनकी कार्यक्षमता और स्वास्थ्य दोनों के लिए जरूरी होता है। लखनऊ से लेकर प्रदेश के हर जिले तक पुलिस इकाइयों में अब सर्दी की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
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