नोएडा/गोंडा: भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह और उनका परिवार सामाजिक तौर पर काफी सक्रिय है। उनके दो बेटे राजनीति की दुनिया में हैं तो एक बेटी भी हैं, जो नोएडा की सोसायटी में आयोजित कार्यक्रम में मंच से कविता पढ़ने के बाद सु्र्खियों में आई हैं। कविता में खुद को पहलवान पिता की बेटी और दो बाहुबली भाइयों की बहन बताने वाली शालिनी सिंह कौन हैं? वह क्या करती हैं और शादी किससे हुई है? आइए जानते हैं।
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की कैसरगंज सीट से सांसद रह चुके बृजभूषण शरण सिंह की बेटी शालिनी सिंह शनिवार को नोएडा के एक कवि सम्मेलन में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने पहली बार मंच से शायरी पढ़ी। उन्होंने कहा कि मैं पहलवान की बेटी हूं। आपने पहली बार मुझे मंच दिया। पहले मुझे कोई मंच नहीं देता था। नोएडा सेक्टर-121 होम्स 121 सोसाइटी में आयोजित कवि सम्मेलन में पहुंची शालिनी सिंह ने पहली बार कविता पढ़ी।
क्या करती हैं बृजभूषण सिंह की इकलौती बेटी
बृजभूषण शरण सिंह की इकलौती बेटी शालिनी सिंह आर्टिस्ट हैं और अब तक 5 किताबें लिख चुकी हैं। कविता के साथ ही उन्हें शूटिंग में भी महारथ हासिल है। उनकी कई पेंटिंग प्रदर्शनी लग चुकी है। सामाजिक कार्यों में सक्रिय शालिनी नोएडा सिटिजन फोरम की सदस्य भी हैं। वह वकील और एजुकेशनिस्ट भी हैं।
सास-ससुर बिहार के सांसद
शालिनी की शादी आरा से पूर्व सांसद स्वर्गीय अजीत सिंह और पूर्व सांसद मीना सिंह के इकलौते बेटे विशाल सिंह से हुई है। शालिनी सिंह पति विशाल सिंह के साथ वर्तमान में नोएडा में रहती हैं। विशाल भाजपा नेता हैं और मूलरूप से बिहार के आरा के रहने वाले हैं। शालिनी और विशाल का एक 13 साल का बेटा है, जिसका नाम अथर्व है।
नोएडा में पढ़ी कविता
उन्होंने कहा- हम लिख देते हैं इतिहास, किसी तलवार से नहीं मारूंगा, यह वादा है मेरा, तेरी तरह पीठ पर वार नहीं मारूंगा। शालिनी ने अपने भाई करण भूषण सिंह के लिए एक कविता पढ़ी। यह कविता उस समय को बयां करती है, जब करण भूषण सिंह लोकसभा चुनाव जीतकर घर आते हैं और मां को गले लगाते हैं। यह कविता थी... रणभूमि से लौटकर मां जब मैंने तुझे गले लगाया, वेदनाएं शांत हुईं, हर घाव केवल माध्यम था, जब हार भी जाता तो ऐसे ही मां गले लगाया करतीं। आज मैं जीतकर लौटा हूं, भाग्य के ललाट पर कर्म का तिलक लगा सकता हूं तेरे लिए मां। मैं हर युद्ध जीतकर आ सकता हूं।
इसके अलावा उन्होंने कई कविताएं पढ़ीं, जिसमें एक कविता यह भी थी... एक सल्तनत है लफ्जों की, हम दिखावा नहीं करते, हम लिख देते हैं इतिहास, हम दावा नहीं करते। साथ ही उन्होंने मजाक-मजाक में भाई करण और प्रतीक भूषण को बाहुबली भी बताया।
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की कैसरगंज सीट से सांसद रह चुके बृजभूषण शरण सिंह की बेटी शालिनी सिंह शनिवार को नोएडा के एक कवि सम्मेलन में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने पहली बार मंच से शायरी पढ़ी। उन्होंने कहा कि मैं पहलवान की बेटी हूं। आपने पहली बार मुझे मंच दिया। पहले मुझे कोई मंच नहीं देता था। नोएडा सेक्टर-121 होम्स 121 सोसाइटी में आयोजित कवि सम्मेलन में पहुंची शालिनी सिंह ने पहली बार कविता पढ़ी।
क्या करती हैं बृजभूषण सिंह की इकलौती बेटी
बृजभूषण शरण सिंह की इकलौती बेटी शालिनी सिंह आर्टिस्ट हैं और अब तक 5 किताबें लिख चुकी हैं। कविता के साथ ही उन्हें शूटिंग में भी महारथ हासिल है। उनकी कई पेंटिंग प्रदर्शनी लग चुकी है। सामाजिक कार्यों में सक्रिय शालिनी नोएडा सिटिजन फोरम की सदस्य भी हैं। वह वकील और एजुकेशनिस्ट भी हैं।
सास-ससुर बिहार के सांसद
शालिनी की शादी आरा से पूर्व सांसद स्वर्गीय अजीत सिंह और पूर्व सांसद मीना सिंह के इकलौते बेटे विशाल सिंह से हुई है। शालिनी सिंह पति विशाल सिंह के साथ वर्तमान में नोएडा में रहती हैं। विशाल भाजपा नेता हैं और मूलरूप से बिहार के आरा के रहने वाले हैं। शालिनी और विशाल का एक 13 साल का बेटा है, जिसका नाम अथर्व है।
नोएडा में पढ़ी कविता
उन्होंने कहा- हम लिख देते हैं इतिहास, किसी तलवार से नहीं मारूंगा, यह वादा है मेरा, तेरी तरह पीठ पर वार नहीं मारूंगा। शालिनी ने अपने भाई करण भूषण सिंह के लिए एक कविता पढ़ी। यह कविता उस समय को बयां करती है, जब करण भूषण सिंह लोकसभा चुनाव जीतकर घर आते हैं और मां को गले लगाते हैं। यह कविता थी... रणभूमि से लौटकर मां जब मैंने तुझे गले लगाया, वेदनाएं शांत हुईं, हर घाव केवल माध्यम था, जब हार भी जाता तो ऐसे ही मां गले लगाया करतीं। आज मैं जीतकर लौटा हूं, भाग्य के ललाट पर कर्म का तिलक लगा सकता हूं तेरे लिए मां। मैं हर युद्ध जीतकर आ सकता हूं।
इसके अलावा उन्होंने कई कविताएं पढ़ीं, जिसमें एक कविता यह भी थी... एक सल्तनत है लफ्जों की, हम दिखावा नहीं करते, हम लिख देते हैं इतिहास, हम दावा नहीं करते। साथ ही उन्होंने मजाक-मजाक में भाई करण और प्रतीक भूषण को बाहुबली भी बताया।
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