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बिहार चुनाव: प्रशांत किशोर ने कहा- लालू और नीतीश समस्याओं की जड़, छठ पर घर आए लोगों को दिया सुझाव

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पटना: पूर्व चुनाव रणनीतिकार और जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को राज्य की समस्याओं की जड़ बताया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वे इन नेताओं की पार्टियों को वोट न दें ताकि बिहार में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में प्रगति हो और सकारात्मक बदलाव आ सके।

प्रशांत किशोर ने बुधवार को मधेपुरा में कहा कि बिहार की सारी समस्याओं की जड़ पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। उन्होंने बिहार के लोगों से अपील की कि वे लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को वोट न दें। प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि लोग फिर से लालू या नीतीश को वोट देते हैं, तो उन्हें फिर से जानवरों की तरह ट्रेनों में यात्रा करनी पड़ेगी। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या वे बिहार में बनी फैक्ट्रियों में काम करना चाहते हैं या दूसरी जगहों पर।



रोजगार के साथ मिलेगा बेहतर भविष्यप्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा कि बिहार में जन सुराज की सरकार आनी चाहिए ताकि राज्य की स्थिति सुधर सके। इससे लोगों को रोजी-रोटी के लिए अपना राज्य छोड़कर दूसरी जगहों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि अगर बिहार में हालात नहीं सुधरे, तो बिहार से बाहर काम कर रहे लोगों को चेन्नई, गुजरात, दिल्ली, मुंबई जैसी जगहों पर ही फैक्ट्रियों में काम करते रहना पड़ेगा। उन्होंने छठ पूजा पर बिहार में अपने घर आए लोगों से अपील की कि वे चुनाव खत्म होने तक बिहार में ही रहें और यहीं काम करें, अगर जन सुराज की सरकार बनती है तो उन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार में वोट सिर्फ शिक्षा, रोजगार और बदलाव के लिए ही डालना चाहिए।

मधेपुरा सीट पर कड़ा मुकाबलाबिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में दस दिन से भी कम समय बचा है। मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण चुनावी मैदान है। यह क्षेत्र मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जो कभी लालू प्रसाद यादव और शरद यादव जैसे दिग्गज नेताओं का गढ़ रहा है। इस सीट का विधानसभा चुनाव में विशेष महत्व है।

मधेपुरा सीट पर आरजेडी का दबदबामधेपुरा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का दबदबा रहा है। पिछले तीन चुनावों से यह सीट आरजेडी के पास है। इस सीट से तीन बार विधायक चुने गए चंद्र शेखर एक विवादास्पद नेता रहे हैं। उन्होंने 2015 से 2017 तक आपदा प्रबंधन मंत्री और 2022 से 2024 तक गन्ना उद्योग मंत्री के रूप में कार्य किया है। साल 2023 में हिंदी दिवस के कार्यक्रम में राम चरित मानस पर उनकी टिप्पणियों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी थी। उस समय आरजेडी के सहयोगी दल जेडीयू ने उनकी टिप्पणियों से दूरी बना ली थी, जबकि उनकी पार्टी ने इसे अपनी विचारधारा का प्रतिबिंब बताया था।

मधेपुरा में मौजूदा चुनावी समीकरणमधेपुरा में इस बार चंद्र शेखर यादव एक बार फिर आरजेडी के टिकट पर महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी ओर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने जेडीयू की ओर से कविता कुमारी साहा को मैदान में उतारा है। कविता कुमारी साहा अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) समुदाय से आती हैं और उन्होंने समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है। उन्होंने पहले मधेपुरा नगर परिषद की अध्यक्ष के रूप में अपनी राजनीतिक शुरुआत की थी। जन सुराज पार्टी की ओर से शशि कुमार भी साहा और चंद्र शेखर के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे। वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी।
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