पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के कई अनुमान मंगलवार को सामने आए जिनमें बिहार में एनडीए को बहुमत हासिल होने की संभावना जताई गई है। बुधवार को एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के अनुमान घोषित किए गए। इस सर्वे में कहा गया है कि चुनाव में एनडीए का वोट शेयर महागठबंधन से सिर्फ 2 प्रतिशत अधिक हो सकता है। इस सर्वेक्षण में यह तथ्य भी सामने आया है कि मुख्यमंत्री के पद के लिए बिहार के लोगों की पहली पसंद नीतीश कुमार नहीं बल्कि तेजस्वी यादव हैं।
एनडीए को 43 और महागठबंधन का 41 प्रतिशत वोट एक्सिस माई इंडिया के सर्वेक्षण के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को महागठबंधन पर थोड़ी ही बढ़त मिल रही है। एनडीए को 43 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन को 41 फीसदी वोट मिल सकते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए जनता की पहली पसंद तेजस्वी यादव हैं। उन्हें 34 फीसदी लोगों ने चुना है, जबकि मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 22 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला है। इस सर्वेक्षण से संकेत मिलते हैं कि बिहार के मतदाता बंटे हुए हैं और नतीजे काफी करीबी रहने वाले हैं।
एक्सिस माई इंडिया ने बुधवार को एग्जिट पोल जारी किया। इस सर्वे के अनुसार, सत्ताधारी गठबंधन एनडीए, जिसमें बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (उपेंद्र कुशवाहा) शामिल हैं, को कुल वोट शेयर में मामूली बढ़त मिल रही है। दूसरी तरफ महागठबंधन, जिसका नेतृत्व आरजेडी कर रही है और जिसमें कांग्रेस, वीआईपी और वाम दल शामिल हैं, एनडीए से बहुत पीछे नहीं है। यह मुकाबला हाल के वर्षों में सबसे कड़ा माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी पहली पसंद सर्वे में यह भी सामने आया है कि मुख्यमंत्री के तौर पर लोग तेजस्वी यादव को सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव को 34 प्रतिशत लोगों ने अपनी पहली पसंद बताया। इसके बाद मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (जेडीयू) को 22 प्रतिशत लोगों का समर्थन है। बीजेपी के सम्राट चौधरी को 10 फीसदी लोगों ने सीएम के रूप में चुना, जबकि एलजेपी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान को 5 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला। जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर को 4 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया। बाकी 12 फीसदी लोग या तो तय नहीं कर पाए या उन्होंने अन्य नेताओं को चुना।
शिक्षा के आधार पर देखें तो वे लोग, जिन्होंने कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की है, में एनडीए और महागठबंधन का समर्थन लगभग बराबर हैं। अशिक्षित लोगों से एनडीए को 43 प्रतिशत और महागठबंधन को 42 प्रतिशत वोट मिले हैं। पढ़े-लिखे वोटरों में एनडीए का समर्थन थोड़ा बढ़ा है। ग्रेजुएट वोटरों में 44 प्रतिशत और पोस्ट ग्रेजुएट वोटरों में 41 फीसदी ने एनडीए का समर्थन किया। इसकी तुलना में महागठबंधन को इन श्रेणियों के लोगों के क्रमश: 41 और 42 प्रतिशत वोट मिले।
पढ़े-लिखे वोटरों में जन सुराज पार्टी की पकड़नई पार्टी जन सुराज पढ़े-लिखे वोटरों के बीच पकड़ बनाती दिख रही है। कम पढ़े-लिखे वोटरों में जहां इस पार्टी को 2-3% वोट मिले, वहीं स्नातक और पेशेवर वोटरों में यह आंकड़ा 7-10% तक पहुंच गया।
एनडीए की मामूली बढ़त और तेजस्वी यादव की व्यक्तिगत लोकप्रियता को मिलाकर देखें तो प्रतीत होता है कि बिहार की जनता का एक बड़ा हिस्सा बंटा हुआ है। चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। यह एग्जिट पोल एक दिलचस्प तस्वीर पेश कर रहा है। यह साफ है कि बिहार में सत्ता की लड़ाई कांटे की है।
एनडीए को 43 और महागठबंधन का 41 प्रतिशत वोट एक्सिस माई इंडिया के सर्वेक्षण के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को महागठबंधन पर थोड़ी ही बढ़त मिल रही है। एनडीए को 43 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन को 41 फीसदी वोट मिल सकते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए जनता की पहली पसंद तेजस्वी यादव हैं। उन्हें 34 फीसदी लोगों ने चुना है, जबकि मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 22 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला है। इस सर्वेक्षण से संकेत मिलते हैं कि बिहार के मतदाता बंटे हुए हैं और नतीजे काफी करीबी रहने वाले हैं।
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— Axis My India (@AxisMyIndia) November 12, 2025
एक्सिस माई इंडिया ने बुधवार को एग्जिट पोल जारी किया। इस सर्वे के अनुसार, सत्ताधारी गठबंधन एनडीए, जिसमें बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (उपेंद्र कुशवाहा) शामिल हैं, को कुल वोट शेयर में मामूली बढ़त मिल रही है। दूसरी तरफ महागठबंधन, जिसका नेतृत्व आरजेडी कर रही है और जिसमें कांग्रेस, वीआईपी और वाम दल शामिल हैं, एनडीए से बहुत पीछे नहीं है। यह मुकाबला हाल के वर्षों में सबसे कड़ा माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी पहली पसंद सर्वे में यह भी सामने आया है कि मुख्यमंत्री के तौर पर लोग तेजस्वी यादव को सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव को 34 प्रतिशत लोगों ने अपनी पहली पसंद बताया। इसके बाद मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (जेडीयू) को 22 प्रतिशत लोगों का समर्थन है। बीजेपी के सम्राट चौधरी को 10 फीसदी लोगों ने सीएम के रूप में चुना, जबकि एलजेपी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान को 5 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला। जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर को 4 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया। बाकी 12 फीसदी लोग या तो तय नहीं कर पाए या उन्होंने अन्य नेताओं को चुना।
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शिक्षा के आधार पर देखें तो वे लोग, जिन्होंने कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की है, में एनडीए और महागठबंधन का समर्थन लगभग बराबर हैं। अशिक्षित लोगों से एनडीए को 43 प्रतिशत और महागठबंधन को 42 प्रतिशत वोट मिले हैं। पढ़े-लिखे वोटरों में एनडीए का समर्थन थोड़ा बढ़ा है। ग्रेजुएट वोटरों में 44 प्रतिशत और पोस्ट ग्रेजुएट वोटरों में 41 फीसदी ने एनडीए का समर्थन किया। इसकी तुलना में महागठबंधन को इन श्रेणियों के लोगों के क्रमश: 41 और 42 प्रतिशत वोट मिले।
पढ़े-लिखे वोटरों में जन सुराज पार्टी की पकड़नई पार्टी जन सुराज पढ़े-लिखे वोटरों के बीच पकड़ बनाती दिख रही है। कम पढ़े-लिखे वोटरों में जहां इस पार्टी को 2-3% वोट मिले, वहीं स्नातक और पेशेवर वोटरों में यह आंकड़ा 7-10% तक पहुंच गया।
एनडीए की मामूली बढ़त और तेजस्वी यादव की व्यक्तिगत लोकप्रियता को मिलाकर देखें तो प्रतीत होता है कि बिहार की जनता का एक बड़ा हिस्सा बंटा हुआ है। चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। यह एग्जिट पोल एक दिलचस्प तस्वीर पेश कर रहा है। यह साफ है कि बिहार में सत्ता की लड़ाई कांटे की है।
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