पटना: बिहार में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए गए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव पर एनडीए चौतरफा हमले कर रही है। बीजेपी नेताओं ने जहां तेजस्वी यादव सहित लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के मामलों पर निशाना बनाया है वहीं जनता दल यूनाईटेड ( जेडीयू ) ने वंशवाद को लेकर तेजस्वी यादव को आडे़ हाथों लिया है। राजनीति में वंशवाद के प्रबल विरोधी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने कहा है कि एक 'वंशवादी पार्टी' (कांग्रेस) ने दूसरी 'वंशवादी पार्टी' (आरजेडी) के नेता को सीएम का चेहरा बनाया है।
जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि एक 'वंशवादी पार्टी' (कांग्रेस) ने दूसरी 'वंशवादी पार्टी' के उम्मीदवार को सीएम चेहरा बनाया है। झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीत का भरोसा जताया और कहा कि 2025 से 2030 तक वही मुख्यमंत्री रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता सब समझती है और उसने आरजेडी को पूरी तरह नकार दिया है। एनडीए भारी बहुमत से जीतेगी।
नीतीश ने कभी वंशवाद नहीं अपनायासंजय कुमार झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि वे वंशवाद की राजनीति में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा, "सब जानते हैं कि बिहार में उनका काम कैसा था और नीतीश कुमार ने क्या किया है। नीतीश कुमार कभी अपने परिवार को राजनीति में नहीं लाए।" उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने आरजेडी को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
इससे पहले लोक जनशक्ति (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी महागठबंधन में तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम का चेहरे बनाने को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि गठबंधन में तेजस्वी को कोई 'स्वाभाविक स्वीकृति' नहीं है। चिराग पासवान ने मीडिया से बात करते हुए महागठबंधन की एकता पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या तेजस्वी ने गठबंधन में यह पद लड़कर, झगड़कर और गिड़गिड़ाकर हासिल किया है, या डर दिखाकर।
तेजस्वी को स्वाभाविक स्वीकृति नहीं :चिराग पासवानचिराग पासवान ने कहा, "इतनी लड़ाई, झगड़े और गिड़गिड़ाहट के बाद, या कहीं डर दिखाकर, अगर आपको मुख्यमंत्री पद का चेहरा स्वीकार किया गया है, तो यह किस तरह की स्वीकृति है? अगर आप इतने सारे संघर्ष के बाद सीएम चेहरा बने हैं, तो इसका मतलब है कि गठबंधन के भीतर आपके चेहरे की कोई स्वाभाविक स्वीकृति नहीं है।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने गुरुवार को तेजस्वी यादव को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी को उप-मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया है।
मुख्यमंत्री पद के लिए कोई खाली जगह नहीं संजय कुमार झा ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए कोई खाली जगह नहीं है। उन्होंने विश्वास जताया कि नीतीश कुमार 2025 से 2030 तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। झा के अनुसार, बिहार की जनता राजनीतिक चाल को समझती है और वह आरजेडी की वंशवादी राजनीति को अस्वीकार कर चुकी है। झा ने दावा किया कि आगामी चुनावों में एनडीए को जनता का भारी समर्थन मिलेगा और वे बड़ी जीत हासिल करेंगे।
जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि एक 'वंशवादी पार्टी' (कांग्रेस) ने दूसरी 'वंशवादी पार्टी' के उम्मीदवार को सीएम चेहरा बनाया है। झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीत का भरोसा जताया और कहा कि 2025 से 2030 तक वही मुख्यमंत्री रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता सब समझती है और उसने आरजेडी को पूरी तरह नकार दिया है। एनडीए भारी बहुमत से जीतेगी।
नीतीश ने कभी वंशवाद नहीं अपनायासंजय कुमार झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि वे वंशवाद की राजनीति में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा, "सब जानते हैं कि बिहार में उनका काम कैसा था और नीतीश कुमार ने क्या किया है। नीतीश कुमार कभी अपने परिवार को राजनीति में नहीं लाए।" उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने आरजेडी को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
इससे पहले लोक जनशक्ति (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी महागठबंधन में तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम का चेहरे बनाने को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि गठबंधन में तेजस्वी को कोई 'स्वाभाविक स्वीकृति' नहीं है। चिराग पासवान ने मीडिया से बात करते हुए महागठबंधन की एकता पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या तेजस्वी ने गठबंधन में यह पद लड़कर, झगड़कर और गिड़गिड़ाकर हासिल किया है, या डर दिखाकर।
तेजस्वी को स्वाभाविक स्वीकृति नहीं :चिराग पासवानचिराग पासवान ने कहा, "इतनी लड़ाई, झगड़े और गिड़गिड़ाहट के बाद, या कहीं डर दिखाकर, अगर आपको मुख्यमंत्री पद का चेहरा स्वीकार किया गया है, तो यह किस तरह की स्वीकृति है? अगर आप इतने सारे संघर्ष के बाद सीएम चेहरा बने हैं, तो इसका मतलब है कि गठबंधन के भीतर आपके चेहरे की कोई स्वाभाविक स्वीकृति नहीं है।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने गुरुवार को तेजस्वी यादव को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी को उप-मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया है।
मुख्यमंत्री पद के लिए कोई खाली जगह नहीं संजय कुमार झा ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए कोई खाली जगह नहीं है। उन्होंने विश्वास जताया कि नीतीश कुमार 2025 से 2030 तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। झा के अनुसार, बिहार की जनता राजनीतिक चाल को समझती है और वह आरजेडी की वंशवादी राजनीति को अस्वीकार कर चुकी है। झा ने दावा किया कि आगामी चुनावों में एनडीए को जनता का भारी समर्थन मिलेगा और वे बड़ी जीत हासिल करेंगे।
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