गयाजी: बिहार विधानसभा चुनाव में गयाजी विधानसभा सीट भी एक अहम सीट है। यहां से बीजेपी की तरफ से डॉ. प्रेम कुमार 9वीं बार जीत की उम्मीद लिए मैदान में हैं। प्रेम कुमार बिहार सरकार में मंत्री भी हैं। वो गयाजी शहर सीट से 8 बार चुनाव जीत चुके हैं। बिहार के बीजेपी नेता प्रेम कुमार ने गया टाउन विधानसभा सीट से नौवीं बार नामांकन भरा है। वे 1990 से लगातार आठ बार इस सीट से जीतते आ रहे हैं। इस बार भी वे अपनी जीत की हैट्रिक को जारी रखने की कोशिश में हैं।
प्रेम कुमार 9वीं बार मैदान में
प्रेम कुमार ने सबसे पहले 1990 में तब के दिग्गज सीपीआई नेता और एडवोकेट शकील अहमद खान को 5,000 वोटों से शिकस्त दी थी। इसके बाद प्रेम कुमार ने गया सीट पर कभी हार का सामना नहीं किया। शकील अहमद खान के बाद उनके सामने के सीपीआई मसूद मंजर आए लेकिन उन्हें भी दो बार प्रेम कुमार के सामने हार का सामना करना पड़ा। हालांकि शकील अहमद खान ने बाद में पार्टी और सीट बदल ली और वे आरजेडी में शामिल हो गए। फिर शकील राज्य के कानून और ऊर्जा मंत्री बने। उन्होंने विधान परिषद के रास्ते से सदन में प्रवेश किया और फिर गुरूआ सीट से दो विधानसभा चुनाव जीता। लेकिन गयाजी शहर सीट पर प्रेम कुमार अजेय बने हुए हैं। गया शहर का नाम हाल ही में बदल कर गयाजी किया गया, इसलिए इस विधानसभा सीट का नाम भी बदलकर गया जी हो चुका है। प्रेम कुमार के सामने इस बार कांग्रेस से मोहन शर्मा तो जन सुराज पार्टी से धीरेंद्र अग्रवाल खड़े हैं।
प्रेम कुमार 9वीं बार मैदान में
प्रेम कुमार ने सबसे पहले 1990 में तब के दिग्गज सीपीआई नेता और एडवोकेट शकील अहमद खान को 5,000 वोटों से शिकस्त दी थी। इसके बाद प्रेम कुमार ने गया सीट पर कभी हार का सामना नहीं किया। शकील अहमद खान के बाद उनके सामने के सीपीआई मसूद मंजर आए लेकिन उन्हें भी दो बार प्रेम कुमार के सामने हार का सामना करना पड़ा। हालांकि शकील अहमद खान ने बाद में पार्टी और सीट बदल ली और वे आरजेडी में शामिल हो गए। फिर शकील राज्य के कानून और ऊर्जा मंत्री बने। उन्होंने विधान परिषद के रास्ते से सदन में प्रवेश किया और फिर गुरूआ सीट से दो विधानसभा चुनाव जीता। लेकिन गयाजी शहर सीट पर प्रेम कुमार अजेय बने हुए हैं। गया शहर का नाम हाल ही में बदल कर गयाजी किया गया, इसलिए इस विधानसभा सीट का नाम भी बदलकर गया जी हो चुका है। प्रेम कुमार के सामने इस बार कांग्रेस से मोहन शर्मा तो जन सुराज पार्टी से धीरेंद्र अग्रवाल खड़े हैं।
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