अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारत के चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि भारत का चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं रहा और उसने सत्ता पक्ष के साथ “समझौता” कर लिया है।
मुख्य बातें:
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राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें स्पष्ट रूप से लगता है कि चुनाव आयोग ने निष्पक्षता से समझौता किया है।
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उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां वयस्कों की कुल संख्या से अधिक वोट डाले गए।
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उनके मुताबिक, आयोग ने शाम 5:30 बजे तक मतदान के आंकड़े दिए, लेकिन उसके बाद के दो घंटों में अचानक 65 लाख वोट डाले जाने की बात सामने आई, जो “शारीरिक रूप से असंभव” है।
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राहुल गांधी ने बताया कि एक मतदाता को वोट डालने में औसतन तीन मिनट लगते हैं, ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में दो घंटे में मतदान संभव नहीं।
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जब कांग्रेस ने वीडियोग्राफी की मांग की, तो चुनाव आयोग ने न केवल इसे खारिज किया बल्कि कानून भी बदल दिया, जिससे भविष्य में इस तरह की मांग को कानूनी रूप से रोका जा सके।
राहुल गांधी के इस बयान से उठे सवाल:
राहुल गांधी के इन आरोपों ने एक बार फिर भारत में चुनावी पारदर्शिता और लोकतांत्रिक संस्थाओं की निष्पक्षता को लेकर बहस छेड़ दी है। उन्होंने अपने संबोधन में चुनावी व्यवस्था की पारदर्शिता और प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच से चिंता जताई।
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