तेलुगु सुपरस्टार महेश बाबू को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 28 अप्रैल 2025 को हैदराबाद कार्यालय में पूछताछ के लिए समन भेजा है। यह मामला हैदराबाद की दो रियल एस्टेट कंपनियों—साई सूर्या डेवलपर्स और सुराना ग्रुप—से जुड़ा है, जिन पर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। ईडी के अनुसार, इन कंपनियों ने प्लॉट्स की बिक्री के नाम पर लोगों से बड़ी रकम वसूली, लेकिन उन्हें वादे के अनुसार संपत्ति नहीं दी गई।
महेश बाबू की भूमिका क्या है?महेश बाबू इन कंपनियों के ब्रांड एंबेसडर थे और उन्होंने इनके प्रोजेक्ट्स का प्रचार किया था। ईडी का कहना है कि उन्होंने इसके बदले ₹5.9 करोड़ की राशि प्राप्त की, जिसमें से ₹3.4 करोड़ बैंकिंग चैनलों के माध्यम से और ₹2.5 करोड़ नकद में दिए गए। ईडी को संदेह है कि नकद में दी गई राशि अवैध रूप से अर्जित की गई हो सकती है। हालांकि, महेश बाबू को अभी तक आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन उनसे इस लेन-देन के बारे में पूछताछ की जाएगी।
कंपनियों पर क्या आरोप हैं?साई सूर्या डेवलपर्स और सुराना ग्रुप पर आरोप है कि उन्होंने निवेशकों को प्लॉट्स बेचने के नाम पर धोखा दिया। इन कंपनियों ने एक ही प्लॉट को कई लोगों को बेचा और नकली रजिस्ट्रेशन के वादे किए। ईडी ने 16 अप्रैल को हैदराबाद और सिकंदराबाद में इन कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें ₹100 करोड़ से अधिक की अवैध लेन-देन के दस्तावेज मिले।
महेश बाबू की प्रतिक्रिया और संभावित प्रभावमहेश बाबू ने अभी तक इस मामले पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। उनके प्रशंसकों और फिल्म उद्योग में इस समन को लेकर चिंता है, क्योंकि वह एसएस राजामौली की आगामी बड़ी बजट फिल्म सहित कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। हालांकि, ईडी ने स्पष्ट किया है कि महेश बाबू को केवल पूछताछ के लिए बुलाया गया है और उन्हें आरोपी नहीं माना गया है।
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