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Income Tax Notice : आयकर विभाग की रहती है आप पर पैनी नज़र, इन 8 गलतियों से आता है इनकम टैक्स नोटिस

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Income Tax Notice : आयकर विभाग की रहती है आप पर पैनी नज़र, इन 8 गलतियों से आता है इनकम टैक्स नोटिस

News India Live, Digital Desk: क्या आपको भी आयकर विभाग के नोटिस का डर है? आजकल आयकर विभाग डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके लोगों के वित्तीय लेन-देन पर कड़ी नज़र रखता है। अगर आपकी कोई भी गतिविधि विभाग के पास मौजूद जानकारी से मेल नहीं खाती या नियम-कानूनों का उल्लंघन करती है, तो आपको तुरंत नोटिस मिल सकता है। यहाँ कुछ ऐसी मुख्य वजहें बताई गई हैं, जिन पर आयकर विभाग विशेष ध्यान देता है और इन्हीं के कारण अक्सर नोटिस आते हैं:

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अगर आप एक वित्तीय वर्ष में कुछ खास तरह के बड़े लेन-देन करते हैं, तो उनकी जानकारी सीधे आयकर विभाग तक पहुँचती है। जैसे:

  • बैंक जमा: अगर आप बचत खाते में ₹10 लाख या उससे अधिक (या चालू खाते में ₹50 लाख या उससे अधिक) जमा करते हैं।

  • क्रेडिट कार्ड भुगतान: अगर आप ₹2 लाख से अधिक का क्रेडिट कार्ड बिल कैश में चुकाते हैं या कुल भुगतान ₹10 लाख से अधिक होता है।

  • प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री: ₹30 लाख या उससे अधिक की अचल संपत्ति (Immovable Property) की खरीद या बिक्री।

  • शेयर और म्यूचुअल फंड: ₹10 लाख या उससे अधिक के शेयर, म्यूचुअल फंड या बॉन्ड में निवेश।

  • ये सभी जानकारी SFT (Statement of Financial Transaction) के तहत बैंकों, वित्तीय संस्थानों और अन्य संस्थाओं द्वारा विभाग को दी जाती है।

2. आयकर रिटर्न (ITR) में विसंगति (Discrepancy in ITR):
अगर आपकी फाइल की गई ITR में आय या खर्चों का विवरण विभाग के पास मौजूद जानकारी (जैसे TDS/TCS, बैंक स्टेटमेंट, फॉर्म 26AS, AIS, TIS) से मेल नहीं खाता, तो नोटिस आ सकता है।

3. ITR फाइल न करना (Non-Filing of ITR):
यदि आपकी आय टैक्सेबल है (यानी टैक्स योग्य सीमा से अधिक है) लेकिन आपने आयकर रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।

4. असामान्य रूप से अधिक रिफंड क्लेम करना (Claiming Excessive Refund):
अगर आप बहुत ज़्यादा रिफंड क्लेम करते हैं और विभाग को लगता है कि यह संदिग्ध है, तो वह इसकी पड़ताल कर सकता है और आपको नोटिस भेज सकता है।

5. विदेशी संपत्ति या आय का खुलासा न करना (Non-disclosure of Foreign Assets/Income):
अगर आपके पास कोई विदेशी संपत्ति है या विदेश से कोई आय हो रही है और आपने इसका खुलासा अपनी ITR में नहीं किया है, तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।

6. एक ही असेसमेंट ईयर के लिए एक से अधिक ITR फाइल करना (Multiple ITRs for Same Assessment Year):
यह एक सामान्य गलती है। अगर आपने एक ही आकलन वर्ष (Assessment Year) के लिए गलती से एक से अधिक बार ITR फाइल कर दिया है, तो भी आपको नोटिस आ सकता है।

7. नोटिस या संचार का जवाब न देना (Non-response to Notices/Communication):
अगर आयकर विभाग आपको कोई नोटिस या ई-मेल भेजता है और आप निर्धारित समय सीमा के भीतर उसका जवाब नहीं देते, तो यह आगे की कार्रवाई और सख्त नोटिस का कारण बन सकता है।

8. ITR में गलतियाँ या अधूरी जानकारी (Errors or Incomplete Information in ITR):
छोटी-मोटी गणितीय गलतियाँ, गलत पैन नंबर, गलत बैंक अकाउंट डिटेल या आय/खर्चों की अधूरी जानकारी भी नोटिस का कारण बन सकती है।

इन सभी बातों का ध्यान रखकर आप आयकर नोटिस से बच सकते हैं। हमेशा अपनी वित्तीय गतिविधियों में पारदर्शिता रखें और आयकर रिटर्न सही और समय पर फाइल करें।

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