लखनऊ/05 अक्टूबर/ फू कॉक (वियतनाम) में आयोजित विश्व चिकित्सा खाद्य एवं पोषण सम्मेलन में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) लखनऊ के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सतीश कुमार को विश्व चिकित्सा खाद्य एवं पोषण सम्मेलन (World Congress of Medical Food and Nutrition) में "ISMN Emerging Researcher Award in Internal Medicine and Nutrition Sciences – 2025" से सम्मानित किया गया।यह सम्मेलन 3 से 5 अक्टूबर 2025 तक वियतनाम के सुंदर द्वीप फू कॉक (Phú Quốc) में आयोजित किया गया।यह प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर मेडिकल फूड एंड न्यूट्रिशन (ISMN) द्वारा आयोजित किया गया था। आयोजन की अध्यक्षता प्रो. नरसिंह वर्मा, जो कि ISMN के अध्यक्ष हैं, हिंद इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़, सीतापुर के प्रिंसिपल एवं KGMU के पूर्व फिज़ियोलॉजी विभागाध्यक्ष हैं, द्वारा की गई। आयोजन समिति में प्रो. कमलाकर त्रिपाठी (चेयरमैन), प्रो. अनुज महेश्वरी (उपाध्यक्ष), डॉ. अमित गुप्ता (उपाध्यक्ष), डॉ. अभिषेक अरुण (सचिव) तथा डॉ. क्षितिज भारद्वाज (सेक्रेटरी जनरल, ISMN) जैसे वरिष्ठ वैज्ञानिक और चिकित्सक शामिल थे।इस विश्व सम्मेलन में भारत सहित अनेक देशों से सैकड़ों विशेषज्ञ वक्ताओं, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों ने भाग लिया। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य चिकित्सा पोषण (Medical Nutrition), दीर्घायु (Longevity), और आधुनिक युग में भोजन के वैज्ञानिक महत्व पर गहन चर्चा करना था।डॉ. सतीश कुमार का प्रभावशाली व्याख्यान - “Fueling Forever: The Impact of Food on Longevity”सम्मेलन के मुख्य आकर्षणों में से एक रहा डॉ. सतीश कुमार का व्याख्यान, जिसका शीर्षक था - “Fueling Forever: The Impact of Food on Longevity”।अपने व्याख्यान में डॉ. कुमार ने बताया कि किस प्रकार सही भोजन और संतुलित पोषण दीर्घायु (Longevity) के मूल स्तंभ हैं। उन्होंने समझाया कि “खाद्य पदार्थ केवल शरीर को ऊर्जा देने का साधन नहीं हैं, बल्कि यह हमारे जीन, हार्मोनल बैलेंस, इम्यूनिटी और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं।”उन्होंने कहा कि आज के युग में जहाँ प्रसंस्कृत खाद्य (Processed Food), फास्ट फूड और निष्क्रिय जीवनशैली बढ़ रही है, वहाँ “मेडिकल न्यूट्रिशन” की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। डॉ. सतीश ने अपने व्याख्यान में नवीनतम शोध आंकड़ों, भारतीय पारंपरिक आहार विज्ञान और आधुनिक मेडिकल रिसर्च के समन्वय पर विस्तार से प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि “पौष्टिक आहार (Balanced Diet), नियमित व्यायाम (Physical Activity), और मानसिक संतुलन (Mindfulness) - ये तीनों दीर्घ जीवन के तीन मजबूत स्तंभ हैं।”उल्लेखनीय योगदान और सम्मानडॉ. सतीश कुमार को यह प्रतिष्ठित सम्मान उनके आंतरिक चिकित्सा (Internal Medicine) और पोषण विज्ञान (Nutrition Science) में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया। पिछले वर्षों में उन्होंने खाद्य एवं स्वास्थ्य पर कई शोध प्रकाशित किए हैं, जिनमें “Food for Longevity”, “Lifestyle and Metabolic Health”, तथा “Nutrition and Immunity” जैसे विषय प्रमुख हैं।उनके शोध ने यह सिद्ध किया कि सही पोषण न केवल रोगों की रोकथाम में मदद करता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता (Quality of Life) और आयु (Lifespan) दोनों को बढ़ाता है।सम्मेलन में भाग लेने वाले विशेषज्ञों ने डॉ. सतीश कुमार के कार्यों की सराहना की और कहा कि उनका शोध “विज्ञान और समाज दोनों के लिए प्रेरणास्रोत है”।विश्वभर से आए विशेषज्ञों की भागीदारीसम्मेलन में भारत, वियतनाम और other countries देशों से अनेक वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और पोषण विशेषज्ञों ने भाग लिया। विभिन्न सत्रों में Functional Foods, Nutraceuticals, Personalized Nutrition, Food Technology, Nutrigenomics, Longevity Science जैसे विषयों पर चर्चा हुई।विशेष सत्र में बताया गया कि आने वाले दशकों में “Medical Food and Nutrition” चिकित्सा क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा बन जाएगा, जहाँ रोग की दवा के साथ-साथ भोजन का भी चिकित्सीय प्रयोग होगा।सम्मान समारोह और गौरवपूर्ण क्षणपुरस्कार वितरण समारोह सम्मेलन के अंतिम दिन, 5 अक्टूबर 2025 को आयोजित किया गया। समारोह के दौरान डॉ. सतीश कुमार को मंच पर बुलाया गया और ISMN Emerging Researcher Award 2025 प्रदान किया गया।पुरस्कार प्रदान करते समय प्रो. नरसिंह वर्मा ने कहा
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