भोपाल। कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने के बाद 20 बच्चों की मौत के मामले में मध्य प्रदेश सरकार की ओर से जांच के लिए बनाई गई एसआईटी ने कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन को हिरासत में लिया है। जानकारी के मुताबिक श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के मालिक रंगनाथन गोविंदन को 8 अक्टूबर की रात हिरासत में लिया गया। मध्य प्रदेश एसआईटी अब गोविंदन को कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर लेगी और राज्य लेकर आएगी। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में ही कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने के कारण सभी बच्चों की मौत हुई थी।
कफ सिरप पीने के बाद बच्चों की मौत के मामले में पहले छिंदवाड़ा के डॉक्टर प्रवीण सोनी को भी गिरफ्तार किया गया था। वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) डॉ. सोनी के पक्ष में खड़ा हुआ है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टर प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश में कफ सिरप से त्रासदी और उसके बाद उसे लिखने वाले डॉक्टर की गिरफ्तारी अफसरों और पुलिस की कानूनी अज्ञानता का बढ़िया उदाहरण है। आईएमए ने कहा था कि वास्तविक दोषियों पर तुरंत कार्रवाई और प्रभावित परिवारों और बदनामी का शिकार हुए डॉक्टर के लिए पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश सरकार के अफसरों का दावा है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में जहरीला केमिकल था। जिसकी वजह से बच्चों की किडनी फेल हुई और इसकी वजह से उनकी मौत हुई। मध्य प्रदेश के अलावा कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से पड़ोसी राज्य राजस्थान में भी कई बच्चों की जान गई थी। इसके बाद इस सिरप पर मध्य प्रदेश, राजस्थान, यूपी, केरल और पंजाब की सरकारों ने बैन लगाया। वहीं, केंद्र सरकार ने भी इस मामले की जांच की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों की मौत के बाद ये कहा कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं देना चाहिए। पांच साल तक के बच्चों को भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही कफ सिरप देना चाहिए।
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