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2025 में गुरु का गोचर: ज्योतिषीय प्रभाव और राशियों पर असर

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2025 का ज्योतिषीय महत्व

वर्ष 2025 ज्योतिष के नजरिए से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसका मुख्य कारण शनि, गुरु और राहु-केतु का राशि परिवर्तन है। ये ग्रह लंबे समय के बाद राशि परिवर्तन कर रहे हैं, और यह संयोग इस वर्ष बन रहा है। 29 मार्च 2025 को न्याय के प्रतीक शनि ने कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश किया, जो साल का पहला और सबसे बड़ा गोचर है। इसके बाद 14 मई 2025 को रात 11:20 बजे गुरु वृषभ से मिथुन राशि में गोचर करेंगे। यह शनि के बाद दूसरा महत्वपूर्ण गोचर है, जिसका प्रभाव न केवल देश-दुनिया पर, बल्कि व्यक्तिगत जीवन पर भी पड़ेगा। ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास के अनुसार, 2025 में गुरु का गोचर विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा। देवगुरु बृहस्पति लगभग 13 महीनों तक एक राशि में रहते हैं, लेकिन इस वर्ष वे तीन बार राशि बदलेंगे, जिससे गुरु अतिचारी होंगे। ऐसा योग कई वर्षों बाद बनता है।


गुरु का गोचर और उसके प्रभाव

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि गुरु का गोचर 14 मई 2025 को मिथुन राशि में होगा, जो बुद्ध की राशि है। यह संचार और ज्ञान की राशि है। इस समय लोग नई चीजें सीखेंगे और अपने ज्ञान को साझा करेंगे। यह समय नए विचारों और यात्राओं का होगा। मिथुन राशि में बृहस्पति का गोचर सामाजिक संपर्क और बौद्धिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा, लेकिन ध्यान केंद्रित रखना भी आवश्यक है। यदि आप व्यक्तिगत विकास और शिक्षा में रुचि रखते हैं, तो यह समय आपके लिए अनुकूल है।


गुरु का गोचर: भविष्यवाणियाँ

भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास के अनुसार, गुरु ग्रह शनिदेव के बाद दूसरे सबसे धीमी गति से चलते हैं। गुरु हर राशि में लगभग 13 महीनों तक रहते हैं। 2025 में गुरु का पहला गोचर 14 मई को मिथुन राशि में होगा, और दूसरा गोचर 19 अक्टूबर को कर्क राशि में होगा। इस वर्ष गुरु कर्क राशि में उच्च अवस्था में रहेंगे, जिससे कुछ राशियों को विशेष लाभ मिलेगा। 12 नवंबर 2025 को गुरु वक्री होंगे और 3 दिसंबर को फिर से मिथुन राशि में गोचर करेंगे।


प्राकृतिक घटनाएँ और सामाजिक प्रभाव

भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि व्यापार में तेजी आएगी और देश के कई हिस्सों में अधिक बारिश होगी। प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, तूफान, बाढ़, और भूस्खलन की संभावना है। इसके अलावा, शासन-प्रशासन और राजनीतिक दलों में संघर्ष बढ़ सकते हैं। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आय में वृद्धि होगी।


गुरु के गोचर के उपाय

भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने सुझाव दिया है कि हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, और हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें। प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं। लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं। हनुमान जी को पान और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। ईश्वर की आराधना सभी दोषों को दूर करती है। महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करें।


राशियों पर गुरु के गोचर का प्रभाव

गुरु के मिथुन राशि में गोचर का सभी 12 राशियों पर प्रभाव:


मेष राशि

गुरु का राशि परिवर्तन आपके लिए फलदायी रहेगा। जो कार्य अधूरे थे, उनमें सफलता मिलेगी। नौकरी और व्यापार के लिए यह समय अच्छा रहेगा।


वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए यह गोचर अनुकूल रहेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और धन लाभ के अवसर बढ़ेंगे। अविवाहितों के लिए विवाह के योग बन सकते हैं।


मिथुन राशि

गुरु का गोचर आपकी राशि में होगा, जिससे आपको शुभ फल प्राप्त होंगे। शत्रुओं पर विजय मिलेगी और सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी।


कर्क राशि

गुरु का राशि परिवर्तन मिश्रित परिणाम देगा। कमाई के लिए अधिक मेहनत करनी होगी। नौकरी में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।


सिंह राशि

गुरु का गोचर आपके लिए अच्छा रहेगा। सफलता मिलेगी और मान-सम्मान में वृद्धि होगी। मकान और वाहन का सुख प्राप्त होगा।


कन्या राशि

गुरु का गोचर आपको लाभ और उन्नति के अवसर प्रदान करेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।


तुला राशि

धन संबंधी मामलों में रुकावटें दूर होंगी। भाग्य का साथ मिलेगा और लाभ के अवसर बढ़ेंगे।


वृश्चिक राशि

गुरु का राशि परिवर्तन मिश्रित प्रभाव डालेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। व्यापार में निवेश के फैसले लेने में स्वतंत्रता मिलेगी।


धनु राशि

गुरु आपके जीवन में शुभ फल देंगे। बिजनेस में सफलता मिलेगी और लाभ के अवसर बढ़ेंगे।


मकर राशि

सुखद पल आएंगे, लेकिन बेफिजूल खर्च बढ़ सकते हैं। कार्यस्थल पर लाभ के अवसर मिलेंगे।


कुंभ राशि

गुरु का गोचर लाभकारी रहेगा। धन लाभ के अवसर बढ़ेंगे।


मीन राशि

गुरु का गोचर कुछ मामलों में अनुकूल नहीं रहेगा। कानूनी मामलों में सावधानी बरतें।


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