राहु गोचर 2025: वैदिक ज्योतिष में राहु को एक रहस्यमय छाया ग्रह माना जाता है, जिसे मायावी ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। यह ग्रह जीवन में अचानक बदलाव, भ्रम और नई दिशाओं का संकेत देता है। 18 मई 2025 को शाम 4:30 बजे राहु कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद, 29 मई 2025 की रात 11:03 बजे राहु का स्पष्ट गोचर होगा। इस तिथि के बाद, सभी राशियों पर इसके प्रभाव दिखाई देने लगेंगे।
राहु का यह गोचर 5 दिसंबर 2026 तक प्रभावी रहेगा, और हर राशि पर इसका अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। यह गोचर कुछ राशियों के लिए समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। आइए जानते हैं कि किन राशियों पर यह गोचर नकारात्मक प्रभाव डालेगा और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
कर्क राशि
राहु कर्क राशि के आठवें भाव में प्रवेश करेगा, जो रहस्यों, परिवर्तनों और अनिश्चितताओं का प्रतीक है। इससे पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं उभर सकती हैं, अचानक वित्तीय नुकसान हो सकता है, और विवाहित जीवन में विश्वास की कमी आ सकती है। छिपे हुए दुश्मनों या उनकी साजिशों से नुकसान होने की संभावना है। मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है।
उपाय- रात को सिर के पास जौ रखें और सुबह दान करें। गणेश जी की पूजा करें और 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें। काले तिल को पानी में प्रवाहित करें। नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं और तनाव कम करने के लिए ध्यान करें।
तुला राशि
राहु तुला राशि के पांचवें भाव में जाएगा, जो प्रेम, बच्चों और रचनात्मकता का घर है। इस समय प्रेम जीवन में तनाव, रिश्तों में टूटने का डर, और बच्चों की स्वास्थ्य और व्यवहार को लेकर चिंता हो सकती है। अध्ययन में रुकावट, रचनात्मक कार्य में ध्यान की कमी, और शेयर बाजार में नुकसान का जोखिम रहेगा।
उपाय- मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। गाय को हरा चारा खिलाएं। राहु यंत्र की पूजा करें और प्रेम जीवन में ईमानदारी बनाए रखें। जोखिम भरे निवेश से बचें।
वृश्चिक राशि
राहु वृश्चिक राशि के चौथे भाव में जाएगा, जो माता, घर की सुख-सुविधा और संपत्ति का भाव है। इससे परिवार में तनाव, माता की स्वास्थ्य की चिंता, संपत्ति या वाहन से संबंधित विवाद और घर में अशांति हो सकती है। पेशेवर जीवन में स्थिरता की कमी और मानसिक बेचैनी भी परेशान कर सकती है।
उपाय- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। काले तिल को पानी में प्रवाहित करें। माता की स्वास्थ्य का ध्यान रखें और उनके साथ समय बिताएं। संपत्ति के निर्णय सोच-समझकर लें।
कुंभ राशि
राहु कुंभ राशि के पहले भाव में जाएगा, जो आपकी व्यक्तित्व और आत्मविश्वास का प्रतीक है। इस दौरान आपको मानसिक भ्रम, पेट या नसों की समस्याएं और निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है। दुर्घटनाओं का भी खतरा है, इसलिए वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। परिवार में तनाव, खासकर किसी की स्वास्थ्य को लेकर चिंता और पेशेवर जीवन में रुकावटें आ सकती हैं। विवाहित जीवन में गलतफहमियां और वित्तीय लेन-देन में नुकसान का डर रहेगा।
उपाय- रोज़ 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। शनिवार को काले-सफेद कुत्ते को रोटी खिलाएं। सोमवार को शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाएं। स्वास्थ्य के लिए नियमित जांच कराएं और साधारण भोजन करें।
मीन राशि
राहु मीन राशि के बारहवें भाव में जाएगा, जो खर्च, नुकसान और अकेलेपन का प्रतीक है। इससे अनावश्यक खर्च, वित्तीय नुकसान, नींद की समस्याएं और मानसिक बेचैनी हो सकती है। नौकरी में बॉस का समर्थन न मिलना, प्रेम जीवन में गलत निर्णय और विदेश यात्रा में रुकावटें भी परेशान कर सकती हैं। इसके साथ ही दुर्घटनाओं का भी खतरा है।
उपाय- विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। शनिवार को नीला कंबल दान करें। रात को ध्यान और प्राणायाम करें। पैसे की योजना सावधानी से बनाएं और फिजूलखर्ची से बचें।
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