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Jawaharlal Nehru का पहला सरकारी आवास फिर से चर्चाओं में, 1100 करोड़ में हुआ सौदा, रहा हैं कई ऐतिहासिक फैसलों का गवाह

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इंटरनेट डेस्क। दिल्ली में एक जगह और उसका नाम हैं लुटियंस बंगला जोन, जहां हर कोठी की अपनी एक कहानी है, यहां के बंगले में हर कोई रहना पसंद करता है, लेनिक आज ये फिर से एक बार चर्चा में आ गए है। जी हां इस बार चर्चा का केंद्र है 17, मोतीलाल नेहरू मार्ग पर स्थित वह ऐतिहासिक बंगला, जो कभी भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का पहला आधिकारिक निवास था। यह बंगला हाल ही में 1100 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड कीमत में बिका है।

पहले इस नाम से थी पहचान
इतिहास की माने तो इस बंगले को पहले 17 यॉर्क रोड के नाम से जाना जाता था। यह सिर्फ एक प्रॉपर्टी नहीं, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम और इसके पहले प्रधानमंत्री की यादों का ठिकाना है। 3.7 एकड़ में फैला यह बंगला ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस द्वारा डिजाइन किए गए लुटियंस बंगला जोन का हिस्सा है। इस जोन को 1912 से 1930 के बीच बनाया गया था और यह दिल्ली के सबसे रईस और ताकतवर लोगों का गढ़ रहा है। इस बंगले में करीब 24,000 वर्ग फुट का बना हुआ क्षेत्र है, जो इसे विशाल और भव्य बनाता है।

1400 करोड़ तक लगी थी कीमत
खबरों की माने तो इस ऐतिहासिक बंगले की बिक्री की कहानी माने तो बंगले के मौजूदा मालिकों ने इसकी कीमत 1400 करोड़ रुपये तय की थी। लेकिन, एक मशहूर बेवरेज इंडस्ट्री के कारोबारी ने इसे 1100 करोड़ रुपये में खरीद लिया। यह सौदा भारत की रियल एस्टेट मार्केट में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है। इस डील को अंतिम रूप देने के लिए एक नामी लॉ फर्म ने सार्वजनिक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि यदि किसी का इस प्रॉपर्टी पर कोई दावा है, तो वह सात दिनों के भीतर सबूत पेश करे।

कौन था इस बंगले का मालिक
इस बंगले की मालकिनें राजकुमारी कक्कड़ और बीना रानी थीं, जो राजस्थान के एक शाही परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पिछले एक साल से इस प्रॉपर्टी को बेचने की कोशिशें चल रही थीं। इसकी लोकेशन और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए केवल कुछ चुनिंदा अरबपति ही इसे खरीदने की हैसियत रखते थे। आखिरकार, एक भारतीय उद्योगपति ने इस सौदे को अपने नाम कर लिया, जिसकी पहचान अभी गोपनीय रखी गई है।

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