इंटरनेट डेस्क। कार्तिक महीने में आने वाले देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह का बड़ा महत्व है। 4 महीने से पाताल लोक में योगनिद्रा में लीन भगवान श्रीहरि विष्णु कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन जागते हैं और उस दिन से फिर धार्मिक कार्य शुरू हो जाते है। इसे देवउठनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी कहते हैं। फिर इसके अगले दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप का तुलसी जी के साथ विवाह होता है।
जाने पूरी डिटेल
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर देवउठनी एकादशी तिथि की शुरुआत 1 नवंबर को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर होगी और 2 नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर समापन होगा। 1 नवंबर को पूरे दिन एकादशी तिथि रहेगी इसलिए 1 नवंबर को ही देवउठनी एकादशी व्रत रखा जाएगा और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजन की जाएगी।
कब होगा तुलसी विवाह?
देवउठनी एकादशी के अगले दिन कार्तिक शुक्ल द्वादशी को तुलसी जी और भगवान शालिग्राम का विवाह कराया जाता है। तुलसी विवाह कराने को हिंदू धर्म में कन्यादान करने जितना महत्वपूर्ण और पुण्यदायी माना गया है। साथ ही तुलसी विवाह करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और धन, समृद्धि देते हैं, तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।
pc- ndtv.in
You may also like

अर्शदीप सिंह को प्लेइंग इलेवन में जगह मिलनी चाहिए: आरोन फिंच

मप्रः वन भवन में कमेंडेशन डिस्क अलंकरण समारोह व प्रशस्ति पत्र का वितरण शनिवार को

मप्रः हेलीकॉप्टर और बोमा से कृष्ण मृगों और नीलगायों को पकड़ने का अभियान जारी

बिहार: भागलपुर केंद्रीय कारा में प्रशासन की औचक छापामारी

नोटोंˈ के बंडल और शराब. 48 लड़को के बीच 12 लड़कियां कर रही थी ये काम सीन देख उडे पुलिस के होश﹒





