इंटरनेट डेस्क। दिवाली पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा हो चुकी हैं और अब गोवर्धन पूजा होगी। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा होती है। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर इंद्रदेव के अहंकार को दूर किया था। इसे अन्नकूट भी कहते हैं क्योंकि इस दिन 56 प्रकार के व्यंजन जैसे दाल, चावल, मिठाई, फल, सब्ज़ी आदि भगवान को भोग में चढ़ाए जाते हैं।
जाने कब होगी गोवर्धन पूजा
इस साल अमावस्या तिथि 21 अक्टूबर को शाम को समाप्त हो रही है। उदायतिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को ही है। पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 22 अक्टूबर को रात 8 बजकर 16 मिनट पर होगा।
गोवर्धन पूजा का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा का पहला मुहूर्त 22 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा, दूसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
pc- amar ujala
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