उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 अगस्त 2025 को विधानसभा में समाजवादी पार्टी पर बड़ा जुबानी हमला बोला। सीएम ने सपा के राजनीतिक फॉर्मूले पीडीए की नई परिभाषा भी दी। अपने संबोधन में सीएम ने प्रदेश की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष संकीर्ण सोच वालों की तरह व्यवहार करता है। उसका एकमात्र लक्ष्य परिवार का विकास है। सपा के पीडीए फॉर्मूले को परिवार विकास प्राधिकरण बताते हुए सीएम ने कहा कि उनका लक्ष्य सीमित है। शायराना अंदाज में सीएम ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी जुबान का जादू बड़ा हसीन है, आग लगाकर बहार की बात करते हैं।
सपा सरकार पर वर्ष 2017 तक अराजकता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सीएम ने कहा कि आज हालात काफी बदल गए हैं। किसी भी नौकरी में रिश्वत की जरूरत नहीं है। बिना भेदभाव और तुष्टिकरण के सभी की संतुष्टि पर जोर देते हुए सभी को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की सोच में सार्थक बदलाव आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। आपने छठी अर्थव्यवस्था को ग्यारहवीं अर्थव्यवस्था तक पहुँचाया है। पिछले 11 वर्षों में भारत ग्यारहवें स्थान से चौथे स्थान पर पहुँच गया है।
उत्तर प्रदेश की स्थिति गंभीर थी - मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 से 2017 तक, कुछ अवधियों को छोड़कर, स्थिति गंभीर थी। उद्योग, नदियाँ और श्रमशक्ति बंद होने के बावजूद, गति बहुत धीमी थी। 2016-17 में राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी लगातार घट रही थी। 2016-17 में, उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी घटकर 8 प्रतिशत रह गई। 1950-60 के दशक में यह हिस्सेदारी 14 प्रतिशत थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी के समय उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के बराबर थी। 2017 में यह राष्ट्रीय औसत का एक तिहाई रह गई। इतना कुछ होने के बावजूद, हम केवल 84 हज़ार करोड़ रुपये का निर्यात कर पाए। राज्य का बजट केंद्रीय करों पर निर्भर हो गया था। नीति आयोग की वित्तीय रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को पिछड़े राज्यों में गिना गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) जो 2016-17 तक 13 लाख करोड़ रुपये था, इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचने वाला है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं रहा, बल्कि राजस्व अधिशेष वाले राज्य के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।
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