मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को रायपुर के महानदी भवन में मंत्रालय के पांचवें फ्लोर के ऑडिटोरियम में "सुशासन संवाद" प्रोग्राम हुआ। प्रोग्राम में रायपुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, जशपुर और उदंती फॉरेस्ट सैंक्चुअरी में हो रहे इनोवेशन पर डिटेल्ड प्रेजेंटेशन दिए गए। मुख्यमंत्री ने जिलों में हो रहे इनोवेशन पर आधारित "कॉफी टेबल बुक" जारी की और जमीनी स्तर पर योजनाओं को रिजल्ट देने वाले तरीके से लागू करने के लिए अधिकारियों की तारीफ की। इस मौके पर फॉरेस्ट मिनिस्टर केदार कश्यप, स्कूल एजुकेशन मिनिस्टर गजेंद्र यादव, चीफ सेक्रेटरी विकास शील, मुख्यमंत्री के चीफ सेक्रेटरी सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सेक्रेटरी राहुल भगत, डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी, कलेक्टर, पुलिस सुपरिटेंडेंट, DFO और राज्य के सीनियर अधिकारी मौजूद थे।
इनोवेशन प्रैक्टिकल होने चाहिए - CM
मुख्यमंत्री साय ने जोर देकर कहा कि इनोवेशन लंबे समय तक चलने वाले होने चाहिए, नागरिकों की सुविधा बढ़ाने वाले होने चाहिए और सरकार के मुख्य प्रोग्राम को सपोर्ट करने वाले होने चाहिए। राज्य सरकार इनोवेशन का स्वागत करती है, लेकिन यह पक्का करना भी ज़रूरी है कि बेसिक एडमिनिस्ट्रेटिव काम प्रभावित न हों। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इनोवेशन मनमाने एक्सपेरिमेंट नहीं बनने चाहिए, बल्कि लोगों की ज़िंदगी को आसान बनाने के टूल के तौर पर काम करने चाहिए। मुख्यमंत्री साय ने कलेक्टरों को निर्देश दिया कि वे किसी भी इनोवेशन में जनता की राय को शामिल करें और उनके असर पर फ़ीडबैक लें। उन्होंने कहा कि ज़िले में लागू किए गए इनोवेशन अक्सर आने वाले अधिकारियों की प्राथमिकताओं से कम रह जाते हैं, इसलिए उनकी सस्टेनेबिलिटी और यूज़ेबिलिटी पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए। इनोवेशन का मकसद पब्लिक सर्विस और ट्रांसपेरेंसी को बढ़ाना होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट को सरकार की सबसे ज़रूरी पहल बताया। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी सर्विस तय समय में और क्वालिटी तरीके से दी जानी चाहिए, और किसी भी देरी के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों के ख़िलाफ़ कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले रिव्यू में यह देखा जाएगा कि कितने मामले समय पर सुलझाए गए और कितने अधिकारियों पर कार्रवाई की गई।
डिसिप्लिन और सफ़ाई पर खास ज़ोर
गुड गवर्नेंस और कोऑर्डिनेशन डिपार्टमेंट द्वारा शुरू किए गए "पुराने डॉक्यूमेंट्स हटाओ" कैंपेन की तारीफ़ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑफ़िसों में पुरानी, बिना इस्तेमाल की फ़ाइलें न सिर्फ़ जगह घेरती हैं बल्कि लोगों के बीच नेगेटिव इमेज भी बनाती हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी कलेक्टर अपने ऑफिस को ट्रांसपेरेंसी और एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए ऑर्गनाइज़ करें। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ई-ऑफिस सिस्टम गुड गवर्नेंस के लिए सबसे ज़रूरी टूल है। उन्होंने सभी डिपार्टमेंट को इसे तय टाइम फ्रेम में पूरी तरह से लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी पक्का करने के लिए, मैनुअल प्रोसेस पर डिपेंडेंसी कम करना और सभी पेंडिंग फाइलों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना ज़रूरी है। मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि आज डिजिटल गवर्नेंस का ज़माना है। सभी कलेक्टर यह पक्का करें कि ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर ज़्यादा से ज़्यादा सर्विसेज़ अवेलेबल हों ताकि पब्लिक उन्हें ऑनलाइन फ़ायदा उठा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि लोगों में डिजिटल सर्विसेज़ के बारे में अवेयरनेस पैदा करने के लिए एक स्पेशल कैंपेन चलाया जाए। उन्होंने कहा कि हर सिटिज़न सर्विस का डिजिटलाइज़ेशन ट्रांसपेरेंट गवर्नेंस की दिशा में सबसे बड़ा कदम है।
ग्रीविएशन रिड्रेसल के लिए ट्रांसपेरेंट सिस्टम
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पब्लिक ग्रीविएशन का तेज़ी से और ट्रांसपेरेंट रिड्रेसल एडमिनिस्ट्रेशन की ज़िम्मेदारी है। सभी कलेक्टर ग्रीविएशन को प्रायोरिटी दें और उनके रिड्रेसल का स्टेटस डिजिटली दें। इससे लोगों का भरोसा बढ़ेगा और करप्शन की पॉसिबिलिटी खत्म होगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में मैनुअल गवर्नेंस से करप्शन बढ़ा, जबकि डिजिटल सिस्टम से अकाउंटेबिलिटी पक्की होती है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सिर्फ़ अचानक इंस्पेक्शन से एडमिनिस्ट्रेशन में सुधार नहीं हो सकता। फील्ड विज़िट को एक परमानेंट प्रोसेस के तौर पर अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे पानी की गहराई का अंदाज़ा लगाए बिना उसका अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता, वैसे ही स्कीमों की सच्चाई का पता सिर्फ़ फील्ड में जाकर ही लगाया जा सकता है। रेगुलर इंस्पेक्शन से न सिर्फ़ सुधार हो सकता है बल्कि डेटा में हेरफेर पर भी कंट्रोल किया जा सकता है। चीफ सेक्रेटरी विकास शील ने इवेंट में कहा कि ब्यूरोक्रेसी में बदलाव लाने का समय आ गया है। नया वर्क कल्चर और टेक्नोलॉजी अपनाए बिना गुड गवर्नेंस नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि अगर जनता का भरोसा बनाना है, तो सीनियर अधिकारियों को मिसाल कायम करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि ज़मीनी स्तर पर डिसिप्लिन का कल्चर तभी बनेगा जब हम खुद समय पर ऑफिस पहुंचेंगे।
सेल्स में 300 परसेंट की बढ़ोतरी
इवेंट के दौरान, 'जशपुर' ब्रांड के हेल्थ बढ़ाने वाले प्रोडक्ट्स की सफलता पर ज़ोर दिया गया। भारत का पहला 'महुआ सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस', जिसने महुआ को सुपरफूड के तौर पर स्थापित किया है, जशपुर में काम कर रहा है। जशपुर के प्रोडक्ट अब पांच राज्यों में बिक रहे हैं और बिक्री में 300 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। नारायणपुर जिले में 'डेटा प्लेटफॉर्म' के ज़रिए नक्सली गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है और दंतेवाड़ा में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के ज़रिए 7 लाख रुपये जुटाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ज़मीन के रिकॉर्ड के डिजिटलाइज़ेशन की तारीफ़ की। उन्होंने अबूझमाड़ और दंतेवाड़ा में हाई-टेक एडमिनिस्ट्रेटिव सिस्टम की तारीफ़ की और कहा कि यही मॉडर्न छत्तीसगढ़ की दिशा है। गुड गवर्नेंस डायलॉग के दौरान रायपुर जिले में ज़िला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की मिली-जुली पहल "टीम प्रहरी" के काम पर एक प्रेजेंटेशन दिया गया। यह पहल गैर-कानूनी कब्ज़े हटाने, ट्रैफ़िक को आसान बनाने और नागरिकों की शिकायतों का तुरंत समाधान पक्का करने के लिए मिलकर कोशिश कर रही है।
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