जब बात होती है भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की, तो मन में भारत की छवि उभरती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यूरोप जैसे महाद्वीप के नीदरलैंड (Netherlands) देश में भी गणेश जी का एक ऐसा भव्य मंदिर है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु बप्पा के दर्शन को उमड़ते हैं? जी हां, हम बात कर रहे हैं – श्री वरथराज सेल्वा विनयगर मंदिर (Sri Varatharaja Selva Vinayagar Temple) की, जो हिंदू संस्कृति और दक्षिण भारतीय परंपराओं को यूरोपीय धरती पर जीवंत बनाए हुए है।
कहां स्थित है यह मंदिर?श्री वरथराज सेल्वाविनयगर मंदिर नीदरलैंड के डेन हेग (The Hague) शहर में स्थित है, जो इस देश की प्रशासनिक राजधानी भी है। यह मंदिर दक्षिण भारतीय तमिल समुदाय द्वारा स्थापित किया गया है और यह नीदरलैंड का पहला और सबसे प्रमुख द्रविड़ शैली का गणेश मंदिर माना जाता है।
मंदिर की विशेषताएंतमिल वास्तुकला का यूरोपीय रूप
मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक दक्षिण भारतीय मंदिरों पर आधारित है, जिसमें गोपुरम (मुख्य द्वार), मंडप और गर्भगृह की सुंदर नक्काशी शामिल है। इसे यूरोप की सर्द जलवायु और कानूनी नियमों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
विघ्नहर्ता बप्पा की मुख्य मूर्ति
गर्भगृह में विराजमान भगवान गणेश को "सेल्वा विनयगर" कहा जाता है, जो धन, समृद्धि और बाधाओं के नाशक माने जाते हैं। उनके साथ भगवान वरथराज पेरुमाल (भगवान विष्णु का रूप) की मूर्ति भी स्थापित है।
भव्य उत्सव और अनुष्ठान
इस मंदिर में हर साल गणेश चतुर्थी, थाई पूसम, पंगुनी उत्सव और नवरात्रि जैसे त्योहार बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं। खास बात यह है कि इन अवसरों पर रथयात्रा भी निकाली जाती है, जो यूरोप में बसे तमिल हिंदुओं की एकता का प्रतीक बन चुकी है।
सांस्कृतिक केंद्र की भूमिका
यह मंदिर केवल पूजा स्थल ही नहीं, बल्कि भारतीय भाषा, संगीत, नृत्य और वेदों की शिक्षा देने वाला सांस्कृतिक केंद्र भी है। यहां तमिल और संस्कृत की कक्षाएं, भरतनाट्यम सत्र और भजन मंडलियां नियमित रूप से होती हैं।
अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालु
नीदरलैंड में रहने वाले श्रीलंकाई, भारतीय, मलेशियाई, मॉरीशस और सिंगापुर मूल के तमिल लोग इस मंदिर से जुड़े हैं। साथ ही यूरोप के अन्य देशों से भी भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं।
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विदेशी धरती पर भारतीय संस्कृति का इतना समृद्ध और जीवंत रूप मिलना अपने आप में आश्चर्यजनक है।
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नीदरलैंड सरकार ने इस मंदिर को संस्कृति और धार्मिक सहिष्णुता के उदाहरण के रूप में मान्यता दी है।
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यहां की पूजा विधि, दीप आरती, और तमिल भाषा में मंत्रोच्चार, एक अलग ही आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
श्री वरथराज सेल्वा विनयगर मंदिर, डेन हेग न केवल गणेश जी की भक्ति का केंद्र है, बल्कि यह विदेशों में भारतीय विरासत की मजबूती का प्रतीक भी है। यह दिखाता है कि संस्कार, परंपरा और भक्ति सीमाओं में नहीं बंधते। नीदरलैंड में बसे भारतीयों के लिए यह मंदिर एक भावनात्मक जुड़ाव का स्थान है – जहां हर बुधवार और त्योहार पर गणपति बप्पा मोरया की गूंज पूरे यूरोप में सुनाई देती है।
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